राहुल नहीं प्रियंका बनेगीं प्रधानमंत्री
लेकिन क्या राहुल गांधी के नाजुक कंधो पर देश की जिम्मेदारी डाली जा सकती है वो भी तब जब राहुल गांधी अपने सारे विधानसभा चुनावों के एग्जाम में बुरी तरह फेल हो चुके हैं। खबर है कि राहुल-राहुल चिल्लाने वाली कांग्रेस अचानक से साल 2014 में प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनावी दंगल में पीएम सीट के लिए उतार देगी।
एबीपी न्यूज पर दिखायी गयी खबर में यह कहा गया है कि रायबरेली जो की कांग्रेस का गढ़ है वहां के लोग भी राहुल से खासे खफा है, यही हाल अमेठी का भी है जहां से राहुल गांधी एमपी हैं। लेकिन जो राहुल गांधी नहीं कर पाये वो प्रियंका गांधी के केवल चुनावी दौरों ने वहां कर दिया है। राहुल की बहन प्रियंका गांधी के कारण ही रायबरेली में अरसे बाद कांग्रेस संगठन के चुनाव हो रहे हैं। जिसे लेकर कांग्रेसी खासे खुश हैं।
समीक्षकों की मानें तो प्रियंका में तो लोग इंदिरा को खोजते हैं लेकिन राहुल में उन्हें ना तो राजीव दिखायी देते हैं और ना ही उनमें नेहरू की झलक है। कांग्रेस संगठन के चुनाव यह अंदेशा देते है कि प्रियंका गांधी अपनी लड़ाई को पक्का करने के लिए पहले प्यादों को तैयार करने में लगी हैं। इसलिए वो बहुत जल्द ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग भी देंगी।
हालांकि राजनीति में आने के सवाल पर ना नहीं प्रियंका गांधी ने ही हमेशा यही कहा है कि वह सही समय पर फैसला लेंगी। तो सवाल यह उठता है कि वो सही समय साल 2014 है। एबीपी ने बताया कि प्रियंका ने दिल्ली में हर बुधवार को रायबरेली के लोगों से दस जनपथ पर मिलना जुलना भी शुरू कर दिया है। तो क्या यह मान लिया जाये कि सोनिया ने अब देश की सत्ता की डोर की लड़ाई प्रियंका को दे दी है फिलहाल हालातों की तस्वीर तो यही कह रही है।