भारतीय स्टेशन स्थापित होगा अंटार्कटिका में
इसके पहले चरण का काम 2010-11 में पूरा कर लिया गया। दूसरे चरण का काम काफी तेजी से चल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मार्च 2012 तक कार्य पूरा कर लिया जायेगा और इसके तत्काल बाद हम परिचालन शुरू कर देंगे। नये अंटार्कटिक स्टेशन भारती का निर्माण राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री शोध केंद्र (एनसीएओआर) गोवा के सहयोग से किया जा रहा है जिस पर करीब 230 करोड़ रूपये की लागत आयेगी।
इस केंद्र पर 35 वैज्ञानिक एवं 10 कर्मचारी रह सकेंगे। अंटार्कटिक क्षेत्र में इससे पहले भारत ने दो स्टेशन स्थापित किये हैं जिसमें पहला दक्षिण गंगोत्री और दूसरा मैत्री है। दक्षिण गंगोत्री की स्थापना 1984 में और मैत्री की 1989-90 में की गई थी। नये स्टेशन भारती की स्थापना अंटार्कटिक के लार्समैन हिल में की जा रही है जो शिमाकर क्षेत्र से करीब 3,000 किलोमीटर दूर है जहां मैत्री स्थित है।
इस स्टेशन का सेवाकाल 25 वर्ष निर्धारित किया गया है। इस स्टेशन पर शोध कार्य के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। अंटार्कटिका में तीसरा स्थायी स्टेशन स्थापित करने से पहले एनसीएओआर के निदेशक डा. रसिक रवींद्र के नेतृत्व में एक कार्यबल ने इस क्षेत्र में व्यापक पर्यावरण मूल्यांकन किया था। अधिकारी ने बताया कि अंटार्कटिका में नये स्थायी स्टेशन भारती के जरिये धु्रवीय क्षेत्र में समुद्री पारिस्थितिकी से जुड़े दुर्लभ शोध करने में मदद मिलेगी।