'कांग्रेस राहुल के भरोसे लेकिन भाजपा को वरूण पर भरोसा नहीं'
अभी इसका जवाब बुद्धिजीवी खोज ही रहे थे कि पत्रकार जतिन गांधी और वीनू संधू ने 'राहुल' नामक पुस्तक में इसका खुलासा कर दिया। इस किताब में साफ-साफ लिखा है कि जहां कांग्रेस राहुल गांधी के भरोसे चल रही है वहीं बीजेपी को वरूण पर भरोसा ही नहीं है क्योंकि आखिर हैं तो वो गांधी ही ना। किताब में साफ -साफ लिखा है कि इसके पीछे उनके और उनके परिवार की पुरानी छवि है।
जहां राजीव गांधी को जनता का प्यार और सदभावना मिली, वहीं संजय गांधी को आमतौर पर उनकी नीतियों के कारण पंसद नहीं किया गया। राहुल ने अफने आपको धर्मनिरपेक्ष बताने की कोशिश की वहीं वरूण गांधी ने अपने आप को कट्टर रामभक्त बताया। किताब में लिखा है कि बीजेपी नेता अक्सर ही वरुण की पार्टी लाइन से हटने के लिए खिंचाई करते हैं जबकि राहुल के मामले में उनकी मामूली हलचल ही नयी पार्टी लाइन बन जाती है।
किताब में साफ तौर पर लिखा है कि राहुल गांधी, मायावती की सोशल इंजीनियरिंग वाली प्रक्रिया में आगे बढ़ रहे है जो उन्हें इस साल के चुनाव में सफलता जरूर दिलायेगी।