Solar Eclipse 2019: सूर्यग्रहण प्रारंभ, देखें कोच्चि से आई ये पहली तस्वीर
नई दिल्ली। साल 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण शुरु हो गया है, यह कंकणाकृति सूर्यग्रहण है, जो कि भारत के कई हिस्सों में दिखाई दे रहा है, गौरतलब है कि वर्ष 1962 में बहुत बड़ा सूर्यग्रहण हुआ था, जिसमें सात ग्रह एक साथ थे, इस साल के तीसरे सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने वलयाकार ग्रहण बताया है, वलयाकार ग्रहण में सूर्य पर पूरी तरह से ग्रहण नहीं लगता है, ग्रहण के पहली तस्वीर कोच्चि और भुवनेश्वर से आई है।
सूर्यग्रहण का वक्त
सूर्यग्रहण सुबह 8:09 से शुरू हो गया है, 9:37 पर ग्रहण का मध्यकाल होगा और 10:58 पर ग्रहण का मोक्ष होगा, सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी, जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी, सूतक बारह घंटे पहले ही 25 दिसम्बर की रात 8:17 पर लग चुका है।
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अमावस्या को लगता है ग्रहण
ग्रहण प्रकृ्ति का एक अद्भुत चमत्कार है, ज्योतिष के दृष्टिकोण से यदि देखा जाए तो अभूतपूर्व अनोखा, विचित्र ज्योतिष ज्ञान, ग्रह और उपग्रहों की गतिविधियां एवं उनका स्वरूप स्पष्ट करता है। यह घटना सदा हमेशा अमावस्या को ही होती है।
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क्या है मान्यताएं?
हमारे ऋषि-मुनियों ने सूर्य ग्रहण लगने के समय भोजन के लिए मना किया है, क्योंकि उनकी मान्यता थी कि ग्रहण के समय में कीटाणु बहुलता से फैल जाते हैं। खाद्य वस्तु, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु एकत्रित होकर उसे दूषित कर देते हैं इसलिए ऋषियों ने पात्रों के कुश डालने को कहा है, ताकि सब कीटाणु कुश में एकत्रित हो जाएं और उन्हें ग्रहण के बाद फेंका जा सके, ग्रहण के बाद स्नान करने का विधान इसलिए बनाया गया ताकि स्नान के दौरान शरीर के अंदर ऊष्मा का प्रवाह बढ़े, भीतर-बाहर के कीटाणु नष्ट हो जाएं और धुल कर बह जाएं।
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