अमनमणि त्रिपाठी अवैध कब्जा मामला: DM ने दी सफाई- विवाद कब्जेदारी का नहीं बल्कि बंटवारे का है
लखनऊ। बीते दिनों गोरखपुर में लगे सीएम योगी के जनता दरबार में फरियाद लखनऊ से आये व्यापारी आयुष सिंघल फफक कर रो पड़े थे। आयुष सिंघल लखनऊ में अपनी साढ़े 22 एकड़ जमीन अमरमणि त्रिपाठी और उनके विधायक बेटे अमनमणि त्रिपाठी की तरफ से कब्जा करने की फरियाद लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास गए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि सीएम योगी ने उनकी फाइल फेंक दी और डांटकर वहां से भगा दिया। मीडिया में प्रमुखता से इस खबर को दिखाए जाने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। सबसे पहले गोरखपुर के डीएम विजेंद्र पांडियन ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि आयुष सिंघल के आरोप गलत हैं। विवाद जमीन कब्जाने का नहीं बल्कि ज्वाइंट प्रॉपर्टी के बंटवारे का है।
क्या कहा लखनऊ के डीएम ने
उसके तुरंत बाद मामले को बढ़ता देख लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा ने भी सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत के बाद पूरी कार्रवाई की गई है। शिकायत के तुरंत बाद पुलिस भेजी गई थी। डीएम ने बताया, ‘'जमीन का बंटवारा अभी लंबित है और ये मामला अभी एसडीएम की कोर्ट में है। जीमन का आठ खातेदारों में बंटवारा होना है और इसमें सिंचाई विभाग का भी हिस्सा है।''
क्या कहना है लखनऊ के एसएसपी का
लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि करीब 6-7 महीने पहले आयुष सिंघल उनसे मिलने आए थे, और जमीन का मामला होने की वजह से उन्होंने इस मुद्दे पर कलेक्टर साहब से बात की थी, इसके बाद राजस्व विभाग की टीम मौके पर गई और जमीन का सीमांकन किया। एसएसपी के मुताबिक विवादित जमीन का कुछ हिस्सा सिंचाई विभाग का है। एसएसपी ने कहा कि आयुष सिंघल चाहते हैं कि पुलिस जाए और जिस जमीन को वह अपना कहते हैं उस पर घेराबंदी करवा दे, लेकिन नैसर्गिक न्याय कहता है कि इस जमीन के जो भी 12 खातेदार हैं उनकी चौहद्दी एसडीएम कोर्ट में ही तय होगी।
आयुष सिंघल ने लगाए ये आरोप
गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में जनता दरबार लगाया। दरबार में अपनी अर्जी लेकर आयुष सिंघल लखनऊ से आए थे। उनका कहना है कि उन्होंने 5 साल पहले लखनऊ के अलीगंज में 22 एकड़ जमीन खरीदी थी। उस पर पूर्व बाहुबली मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के विधायक बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने कब्जा कर लिया है। आयुष के मुताबिक, जनता दरबार में जब उन्होंने यह पूरा मामला सीएम योगी को बताना शुरू किया तो वह पीड़ित पर ही भड़क उठे। साथ ही पूरी बात सुनने के बजाए फाइल फेंककर कोई कार्रवाई न होने की बात कहकर चलता कर दिया।
महाराज जी ने कहा-अवारा कहीं का
आयुष ने कहा, "सीएम साहब को मिला, मैने कागज दिया, ब्रीफ करना शुरू किया कि अमनमणि त्रिपाठी ने हमारी जमीन कब्जा कर रखी है...कागज नचा के फेंक दिया, कहा-अवारा कहीं का, जिंदगी में तुम्हारी कार्रवाई नहीं होगी।" जब पत्रकारों ने पूछा कि ऐसा किसने कहा तो, आयुष सिंघल ने कहा कि महाराज जी ने।
जमीन हमारी थी और रहेगी
उधर अमनमणि त्रिपाठी ने मामले पर बयान देते हुए कहा कि जमीन हमारी है और हमारी ही रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब मामला कोर्ट में चल रहा है कि तो सीएम क्या उस पर कोई भी कुछ नहीं कर सकता। अमनमणि ने आयुष सिंघल की शिकायत को झूठा करार दिया है।