25 दिन बाद आखिरकार काम पर लौटे लेखपाल, मान ली गईं उनकी ये बातें
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में पिछले 25 दिन से चल रही लेखपालों की हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई। बुधवार से सभी लेखपाल काम पर लौट आये हैं। दरअसल मंगलवार को लेखपालों की राजस्व परिषद के साथ वार्ता सफल हो गई और लेखपालों की मांगे मान ली गई हैं। जिसकी वजह से तहसील व जिला मुख्यालय पर हड़ताल कर रहे लेखपालों ने मंगलवार को ही हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी थी। उसके बाद लेखपाल वापस काम पर लौट आये हैं।
गौरतलब है कि लेखपाल अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर 3 जुलाई से कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। जिससे आम जनता से जुड़े कई आवश्यक कार्य ठप पड़ गए थे। शासन ने हड़ताल खत्म करने के लिए सख्ती दिखाई, लेकिन लेखपाल अपनी मांग पर अड़े रहे और अब भारी दबाव के बीच लेखपालों की मांग मान ली गई है।
वापस
होगा
सस्पेंशन
लेखपाल
संघ
के
प्रांतीय
पदाधिकारियों
की
मुख्य
सचिव
डा.
अनूप
चंद्र
पांडेय
व
राजस्व
विभाग
के
वरिष्ठ
अफसरों
के
बीच
हुई
वार्ता
की
जानकारी
देते
हुए
जिलामंत्री
राजकुमार
सागर
ने
बताया
कि
वार्ता
में
हुए
समझौता
के
बिंदुओं
को
एक
महीने
में
कैबिनेट
से
पारित
कराया
जाएगा।
हड़ताल
के
दौरान
हुए
लेखपालों
का
निलंबन
भी
अब
वापस
होगा।
उसके
लिए
जल्द
सरकार
आदेश
जारी
करेगी।
फिलहाल
मामले
में
डीएम
सुहास
एलवाई
ने
स्पष्ट
किया
कि
लेखपालों
का
निलंबन
वापस
लेने
पर
निर्णय
शासन
के
निर्देश
पर
ही
किया
जायेगा।
कौन
सी
मांगे
होंगी
पूरी
3
जुलाई
से
8
सूत्रीय
मांगों
को
लेकर
प्रदर्शन
कर
रहे
लेखपालों
की
मांगे
फिलहाल
मान
ली
गई
हैं।
इनमे
एसीपी
विसंगति,
वेतनमान
उच्चीकरण
व
पेंशन
विसंगति
से
जुड़े
प्रकरण
पर
सरकार
विचार
करेगी।
जबकि
पदनाम
संशोधन,
शैक्षिक
अर्हता
में
वृद्धि,
स्थानान्तरण
आदि
कैडर
रिव्यू
से
पर
एक
महीने
में
प्रस्ताव
तैयार
होगा।
भत्तों
में
वृद्धि
पर
होगी
और
लैपटाप
व
स्मार्टफोन
दिया
जायेगा।
नई
तहसीलों
में
एक
कक्ष
का
आवंटन
व
आय-जाति
व
निवास
प्रमाणपत्र
के
लिए
अलग
से
प्रिंटिंग
खर्च।
सेवाकाल
में
गृह
मंडल
के
किसी
जिले
में
स्थानान्तरण
की
सुविधा
व
बीमा
का
लाभ
के
साथ
एक
माह
का
अतिरिक्त
वेतन
देने
पर
भी
सहमति
बनी
है।