सहारनपुर: जिस बेसहारा महिला का पुलिस ने कराया इलाज, आज उसी की अर्थी को दिया कंधा, अंतिम संस्कार भी किया
सहारनपुर। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने सभी की आंखों में आंसू ला दिए। दरअसल, यहां एक बुजुर्ग और बेसहारा महिला के लिए यूपी पुलिस के जवान देवदूत बन कर आए। बीमार बुजुर्ग का पुलिस ने न सिर्फ इलाज कराया, बल्कि भोजन भी दिया कि वह ठीक हो जाएगी। लेकिन बुधवार को उस महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद यूपी पुलिस के जवानों ने महिला की अर्थी को कंधा दिया और उसका अंतिम संस्कार भी किया।
काफी दिनों से बीमार चल रही थी बुजुर्ग महिला
मामला सहारनपुर के बड़गांव क्षेत्र का है। बता दें कि महिला काफी दिनों से बीमार चल रही थी। बुजुर्ग महिला के किसी परिजन का कोई अता-पता भी किसी को नहीं मालूम था। 75 साल की बुजुर्ग महिला मीना चार साल पहले पति की मौत के बाद गरीबी से लाचार थीं। वह कई महा से बीमार चल रही थीं। मीना देवी को न तो भोजन मिल पा रहा था न इलाज। सोशल मीडिया पर यह खबर जब वायरल हुई तो थाना बड़गांव के एसएसआई दीपक चौधरी तुरंत उस महिला से मिलने उसके गांव पहुंचे और उसे अपने हाथों से भोजन कराया।
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सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया अंतिम संस्कार
महिला के स्वास्थ्य को देखते हुए एसएसआई दीपक चौधरी ने अपनी गाड़ी से ही महिला को प्राथमिक चिकित्सालय पहुंचाया। लेकिन उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। आज जैसे ही यह सूचना एसएसआई दीपक चौधरी को मिली तो वह अपने सहकर्मियों के साथ अस्पताल पहुंचे। एसएसआई दीपक चौधरी ने अपने साथियों समेत लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शवयात्रा को कंधा देते हुए उसका अन्तिम संस्कार कराया।
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सोशल मीडिया पर हो रही है तारीफ
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खूब शेयर किया जा रहा है। लोग यूपी पुलिस की ताऱीफ करते नहीं थक रहे हैं। बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर जंग लड़ रहा है। सोशल मीडिया पर देश के कोने-कोने से ऐसी कई तस्वीरे सामने आई है, जहां लोग एक दूसरे की मदद करते नजर आ रहे हैं। ऐसी एक तस्वीर हाल ही में उत्तराखंड के ऋषिकेश से सामने आई थी। जहां पुलिसकर्मी ने अपने कंधे पर बीस किलोमीटर तक खाद्द सामग्री ढोकर गांव तक पहुंचाई थी।
मध्य प्रदेश में सामने आया था ऐसा मामला
बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में मुस्लिम समाज के लोगों ने इंसानियत और सांप्रदायिक एकता की बेहतरीन मिसाल पेश की थी। मुस्लिम कम्यूनिटी के लोगों ने एक हिंदू महिला की अर्थी को न सिर्फ कंधा दिया है, बल्कि अंतिम संस्कार भी किया। दरअसल, इंदौर के साउथ तोड़ा जूना गणेश मंदिर इलाके में रहने वाली एक महिला, जिन्हें मोहल्ले वाले दुर्गा मां के नाम से पुकारते थे, कुछ दिनों से बीमार थीं। दुर्गा मां का निधन सोमवार 6 अप्रैल को हो गया था। निधन के बाद उनके दोनों लड़कों को खबर दी गई, जो उनके पास नहीं थे। दोनों बेटे वहां पहुंचे जरूर लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह मां का अंतिम संस्कार कर सकें। इसे के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग आगे आए और महिला का अंतिम संस्कार किया। इसे लेकर अब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर 'गंगा-जमुनी संस्कृति' बताया था।
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