फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की 'बेवकूफ़ी' का जवाब देंगे: ट्रंप
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 'बेवकूफ़ी' करते हुए अमरीकी कंपनियों को निशाना बना रहे हैं.
उन्होंने फ्रांस के नए डिजिटल टैक्स की आलोचना करते हुए फ्रेंच वाइन पर आयात शुल्क लगाने के संकेत दिए हैं.
ट्रंप ने शुक्रवार को पहले ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की और फिर मीडिया से बात करते हुए अपनी बात दोहराई.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 'बेवकूफ़ी' करते हुए अमरीकी कंपनियों को निशाना बना रहे हैं.
उन्होंने फ्रांस के नए डिजिटल टैक्स की आलोचना करते हुए फ्रेंच वाइन पर आयात शुल्क लगाने के संकेत दिए हैं.
ट्रंप ने शुक्रवार को पहले ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की और फिर मीडिया से बात करते हुए अपनी बात दोहराई.
दरअसल, फ्रांस गूगल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर टैक्स लगाने की तैयारी कर रहा है. फ्रांस का कहना है कि अन्य देशों की कंपनियां उनके यहां या तो कॉर्पोरेट टैक्स देती ही नहीं या फिर बहुत कम देती हैं.
ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि फ्रांस की ओर से लगाया गया कर अन्यायपूर्ण ढंग से अमरीकी टेक कंपनियों को नुक़सान पहुंचाने वाला है.
क्या लिखा ट्रंप ने?
ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा, "फ्रांस ने अमरीकी की बड़ी टेक्नॉलजी कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगा दिया है. अगर किसी को इन कंपनियों पर टैक्स लगाना है तो उनका मूल देश लगाएगा."
"हम मैक्रों की बेवकूफ़ी पर जल्द ही ठोस जवाबी कार्रवाई की घोषणा करेंगे. मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि अमरीका की वाइन फ्रेंच वाइन से बेहतर होती है."
ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह फ्रेंच वाइन के आयात पर शुल्क लगाने पर विचार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "मैं ऐसा कर सकता हूं. फ्रांस ने हमारी कंपनियों पर टैक्स लगाया. आप जानते हैं कि यह बहुत गलत काम किया गया है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था."
"भले ही मैं वाइन नहीं पीता मगर अमरीकी वाइन मुझे हमेशा फ्रेंच वाइन से ज़्यादा पसंद रही है. वे अच्छी नज़र आती हैं. उन्होंने हमारी कंपनियों पर टैक्स लगाकर सही काम नहीं किया है. अपनी कंपनियों से हम टैक्स वसूलेंगे, वे नहीं."
अमरीका वाइन की खपत और आयात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. वह जिन देशों से वाइन आयात करता है, उनमें फ्रांस भी शामिल है.
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क्या कहता है फ़्रांस
फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो लीमेय ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस डिजिटल टैक्स लगाने की योजना पर अमल करेगा.
उन्होंने कहा, "डिजिटल गतिविधियों पर टैक्स लगाना चुनौतीपूर्ण है और इससे हम सभी प्रभावित होते हैं."
फ्रांस सरकार का कहना है कि एप्पल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मुख्यालय उनके देश से बाहर हैं और वे फ्रांस में अपनी सेल पर या तो टैक्स ही नहीं देतीं या फिर बहुत कम टैक्स देती हैं.
डिजिटल सेल्स टैक्स को फ्रेंच सीनेट में गुरुवार को मंज़ूरी मिली थी. इससे एक सप्ताह पहले निचले सदन- नेशनल असेंबली ने इसे पारित किया था.
इससे पहले शुक्रवार को अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अमरीकी टेक जाएंट एप्पल को चेताया था कि उसे चीन में बने हिस्सों के आयात पर लगने वाले शुल्क में कोई राहत नहीं मिलेगी.
उन्होंने लिखा था, "इन हिस्सों को अमरीका में बनाओ, कोई आयात कर नहीं लगेगा."