‘हम बदला नहीं लेंगे, कानून अपना काम करेगा’, जानिए शहबाज शरीफ का संदेश इमरान के लिए क्यों खतरनाक है?
सरकार में आने के बाद इमरान खान ने ‘नेशनल अकाउंटिबिली ब्यूरो’ का गठन किया था, जिसका उद्येश्य उन्होंने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना था। लेकिन, एनएबी असल में राजनीतिक मकसद से लाया गया था...
इस्लामाबाद, अप्रैल 10: राजनीति चाहे किसी भी देश की हो, एक कहावत बड़ी मशहूर है... हम बदले की राजनीति नहीं करेंगे। और शहबाज शरीफ... जो पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और जिनके परिवार को प्रधानमंत्री बनने के साथ ही इमरान खान ने कई घाट का पानी पिला दिया था, क्या शहबाज शरीफ उसे भूल जाएंगे? या शहबाज शरीफ के भाषण में इमरान खान के लिए एक 'संदेश' है?
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‘हम बदले की राजनीति नहीं करेंगे’
पाकिस्तान के होने वाले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, जो अफनी पीएमएल-एन के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने शनिवार देर रात पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद कहा, कि केंद्र में सरकार बनने के बाद संयुक्त विपक्ष अपने राजनीतिक विरोधियों से बदला नहीं लेगा। पीएमएल-एन के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री कार्यालय से इमरान खान के निष्कासन के बाद नेशनल असेंबली में कहा, "... हम सभी को उनके बलिदान के लिए धन्यवाद देते हैं, और अब, एक बार फिर, संविधान और कानून पर आधारित पाकिस्तान अस्तित्व में आने वाला है। और उम्मीद है कि ये गठबंधन देश को प्रगति की ओर ले जाएगा।‘ शाहबाज ने कहा कि, यह पाकिस्तान में पहली बार हो सकता है कि देश की बेटियों और बहनों को जेल भेजा गया हो, लेकिन उन्होंने कहा कि वह अतीत को भूलकर आगे बढ़ना चाहते हैं।
‘कानून अपना काम करेगा’
रात के एक बजे पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में बोलते हुए शहबाज शरीफ ने कहा... कि ‘समय आने पर हम विस्तार से बोलेंगे, लेकिन हम राष्ट्र के जख्मों को भरना चाहते हैं, हम निर्दोष लोगों को जेल नहीं भेजेंगे, और हम बदला नहीं लेंगे'। शहबाज़ शरीफ ने कहा, ‘... लेकिन, कानून अपना काम करेगा'। शाहबाज शरीफ ने आगे कहा, ‘न तो मैं, न बिलावल और न ही मौलाना फजलुर रहमान हस्तक्षेप करेंगे। कानून को बरकरार रखा जाएगा और हम न्यायपालिका का सम्मान करेंगे।‘
वाकई ऐसा होगा...?
लेकिन, क्या वाकई ऐसा होगा। क्या भारत और पाकिस्तान की राजनीति में ‘बदले' की राजनीति नहीं करेंगे, ये सच बात है? पाकिस्तान के लिए पहली बार ऐतिहासिक रूप से, इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद से हटाया गया है, और इमरान खान वो प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद एक कानून पास किया था, ‘NAB' और इस कानून के आधार पर इमरान खान ने अपने विरोधियों को जिस तरह से टॉर्चर किया, उसी का नतीजा है, कि उनके सभी विरोधियों के पास एक होने के अलावा कोई और उपाय नहीं था।
इमरान खान भी डरे हुए हैं?
शनिवार को जब तमाम दांव-पेंच के बाद इमरान खान को लग गया, कि अब उनकी सरकार नहीं बचने वाली है, तो उन्होंने ‘NRO' की तलाश शुरू कर दी और उन्होंने गारंटी मांगनी शुरू कर दी, कि नई सरकार उनके और कैबिनेट सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करेगी। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के मुताबिक, ‘इमरान खान के मंत्रियों ने इफ्तार के दौरान वरिष्ठ विपक्षी नेताओं से संपर्क किया था और उनसे आश्वासन लेने की कोशिश की, कि नई सरकार आने के बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा और उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा'। इतना ही नहीं, हामिद मीर ने कहा कि, ‘इमरान खान के लिए भी उनके मंत्रियों ने एनआरओ की मांग की'। हालांकि, एक विपक्षी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, वे किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं हुए।
कानून की चक्की में इमरान पिसेंगें?
ये मानवीय स्वभाव है, कि शक्ति मिलने के बाद इंसान समझता है, कि अब ये शक्ति उसके हाथों में स्थाई तौर पर रहने वाली है और इमरान खान भी इंसान ही हैं। सत्ता में आने के बाद उन्होंने पाकिस्तान के तमाम विपक्षी नेताओं को कानून की चक्की में जमकर पीसा। खासकर शरीफ ब्रदर्श उनके निशाने पर कुछ ज्यादा ही रहा। बीमार नवाज शरीफ को उन्होंने जेल में कई हफ्तों तक रखा और ‘NAB' कानून के जरिए हर दिन पाकिस्तान में विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया गया और जेल में उन्हें टॉर्चर किया गया। लेकिन, अब पाशा पलट चुका है। इमरान खान के खिलाफ भी कई मुकदमें पिछले कई सालों से दर्ज हैं, जिनमें विदेशों से चंदा लेने का मामला भी है, जिसे अब नई सरकार खोलने का काम करेगी। और माना जा रहा है, कि अगर चंद दिनों से लेकर चंद महीनों में इमरान खान को गिरफ्तार किया जा सकता है।
इमरान खान ‘NAB’ को बनाया था पिंजरा
सरकार में आने के बाद इमरान खान ने ‘नेशनल अकाउंटिबिली ब्यूरो' का गठन किया था, जिसका उद्येश्य उन्होंने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना था। लेकिन, एनएबी असल में राजनीतिक मकसद से लाया गया था, जिसकी आलोचना पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने भी की थी। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने एक बार सुनवाई के दौरान कहा था, ‘राजनीतिक समझौते और संस्थागत भ्रष्टाचार के लिए एनएबी का निर्माण किया गया है।' इस कानून के जरिए पाकिस्तान में विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जाता था और उन्हें अदालतों के बाहर समझौता करने के लिए मजबूर किया जाता था। और यही वजह रही, कि एनएबी कानून के तहत गिरफ्तार तो सैकड़ों नेता किए गये, लेकिन अदालत में सजा किसी को नहीं मिली। एनएबी के तहत पाकिस्तान में दर्जनों नेता निपटाए गये, तो क्या.. अब जब ये नेता सत्ता में आ चुके हैं, तो इमरान खान को ‘माफ' कर देंगे?
इमरान के सहयोगियों पर छापेमारी
वहीं, सत्ता जाने के चंद घंटे बाद ही इमरान खान की पार्टी ने आरोप लगाया कि बिना किसी प्रतिशोध के वादे के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान के एक शीर्ष सहयोगी पर रविवार को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के तुरंत बाद छापेमारी की गई। पीटीआई ने एक ट्वीट में कहा कि इमरान खान के प्रवक्ता डॉ अर्सलान खालिद के घर पर रविवार तड़के छापा मारा गया। उनके और उनके परिवार के सदस्यों के फोन अधिकारियों ने ले लिए और इमरान की पार्टी ने बदले की राजनीति करने के आरोप लगाए हैं।