भतीजी की जिद के आगे झुके शहबाज, नवाज के पाकिस्तान आने का रास्ता किया साफ, घर में मचा था कलह!
पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके 72 साल के नवाज शरीफ के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के दौरान कई भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए थे और वो लंदन में रह रहे थे।
इस्लामाबाद, अप्रैल 26: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पाकिस्तान आने का रास्ता हो गया है और पाकिस्तान की सरकार ने नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी के लिए पासपोर्ट जारी कर दिया है। नवाज शरीफ लंदन में पिछले काफी महीनों से इलाज करवा रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, इमरान खान की सरकार के दौरान नवाज शरीफ नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेकर लंदन गये थे, लेकिन बाद में गिरफ्तार होने के डर से वापस पाकिस्तान नहीं लौटे।
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पाकिस्तान लौटेंगे नवाज शरीफ
पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके 72 साल के नवाज शरीफ के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के दौरान कई भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए थे। और नवंबर 2019 में लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें इलाज करवाने के लिए विदेश जाने की इजाजत दे दी थी और फिर वो लंदन चले गये थे। नवाज शरीफ के लंदन जाने और फिर नहीं लौटने को लेकर पाकिस्तान की सियासत हमेशा से गर्म रही। खासकर बिलावल भुट्टो की पार्टी ने हमेशा से आरोप लगाए, कि नवाज शरीफ और इमरान खान में सांठगांठ थी, इसीलिए इमरान खान ने नवाज शरीफ को लंदन भागने दिया। हालांकि, बाद में बिलावल भुट्टो ने खुद नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ के साथ मिलकर सरकार बना ली है।
शहबाज सरकार ने जारी किया पासपोर्ट
पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज शरीफ के छोटे भाई प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली नई सरकार ने उनका पासपोर्ट जारी कर दिया है। आपको बता दें कि, पिछले साल नवाज शरीफ का पासपोर्ट एक्सपायर कर गया था, लेकिन इमरान खान की सरकार ने नवाज शरीफ के पासपोर्ट की वैलिडिटि बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उनके लिए लंदन छोड़ना असंभव हो गया था। जियो न्यूज ने बताया कि नवाज शरीफ को जारी किए गए पासपोर्ट की प्रकृति "साधारण" है और इसे "तत्काल" श्रेणी में बनाया गया है। इस्लामाबाद ने नवाज शरीफ का पासपोर्ट 23 अप्रैल 2022 को जारी किया है।
10 साल की वैधता वाला पासपोर्ट
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया है कि, पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 10 साल की वैधता वाला पासपोर्ट जारी किया है। यानि, अगर शहबाज शरीफ चुनाव के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं भी बनते हैं, तो उनके भाई को दिक्कत ना हो। मंगलवार को आंतरिक मामलों के मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा था कि राजनयिक पासपोर्ट नवाज शरीफ का अधिकार है और उन्हें जल्द ही जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति, जो तीन बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री रहा है, उसे राष्ट्रीय नागरिकता से वंचित किया जा रहा है'।
परिवार में मच गया था कलह
आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री बनने के बाद शरीफ परिवार में कलह मचा हुआ है और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज अपने चाचा से काफी ज्यादा नाराज हैं। मरियम की नाराजगी इस वजह से है, कि शहबाज शरीफ ने जो 33 सदस्यीय अपनी कैबिनेट बनाई है, उसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबियों को जगह नहीं दिया गया है। जिसको लेकर पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना था, कि शहबाज शरीफ जान-बूझकर नवाज को लंदन से इस्लामाबाद आने से रोक रहे हैं, कि नवाज की पकड़ अभी भी पार्टी पर शहबाज से ज्यादा है और नवाज के करीबियों को कैबिनेट में शामिल नहीं करने पर उन्हें बड़े भाई की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। वहीं, मरियम नवाज ने भी अपने चाचा के इस पैसले पर नाखुशी जाहिर की है।
पार्टी के अंदर नाराजगी पड़ेगी भारी?
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने पिछले हफ्ते कैबिनेट बनने के बाद रिपोर्ट दी थी, कि शहबाज शरीफ ने मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी के जिन नेताओं को शामिल किया है, उससे पार्टी के अंदर ही बवाल मच गया है और पूरी पार्टी में गुटबाजी शुरू हो गई है। वहीं, पार्टी के सूत्रों ने डॉन को बताया कि, मरियम नवाज का मानना है कि, चाचा शहबाज ने जान-बूझकर उनके पिता के करीबी नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं दी है, ताकि वो पार्टी में ना सिर्फ अपनी मनमर्जी चला सकें, बल्कि पार्टी में अपना वर्चस्व भी स्थापित कर सकें। मरियम ने तो यहां तक कहा है कि, शहबाज शरीफ ने उनके पिता के करीबियों के नाम पर विचार ही नहीं किया है। हालांक, अब जब नवाज शरीफ के पाकिस्तान आने का रास्ता साफ हो चुका है, को माना जा रहा है, कि दोनों भाई मिलकर इस कलह को शांत करने की कोशिश करेंगे।
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