Toolkit Case : आरोपी शांतनु ने बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच में मांगी अग्रिम जमानत
नई दिल्ली। 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा से संबंधित टूलकिट मामले में नाम आने के बाद शांतनु ने अब बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है। शांतनु पर निकिता जैकब और दिशा रवि के साथ टूलकिट बनाने का अरोप है। शांतनु ने औरंगाबाद बेंच में ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने की अर्जी दाखिल की है। आपको बता दें कि निकिता और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। निकिता ले पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी है। शांतनु पेशे से इंजिनियर है और अब उसकी अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
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साइबर पुलिस के ज्चाइंट कमिश्नर प्रेम नाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि निकिता जैकब और शांतनु ने 'खालिस्तान समर्थक समूह' पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीएफजे) द्वारा ऑनलाइन जूम ऐप के माध्यम से आयोजित एक बैठक में भी भाग लिया था. उन्होंने कहा कि जैकब और शांतनु भी 'टूलकिट' दस्तावेज बनाने वालों में थे। नाथ ने कहा, 'दिशा, शांतनु और निकिता ने टूलकिट का निर्माण और एडिट किया। दिशा ने टेलीग्राम ऐप के जरिए ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट भेजी। दिशा ने उस वॉट्सऐप ग्रुप को डिलीट कर दिया जो उसने टूलकिट को प्रचारित करने के लिए बनाया था। दिशा की गिरफ्तारी के दौरान विधिवत प्रक्रिया का पालन किया गया है।'
क्या होता है टूलकिट
टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज है, जिसमें ऑनलाइन संशोधन किया जा सकता है। आमतौर पर इसे किसी मुद्दे को लेकर की जा रही तैयारियों और उसके भविष्य का रोडमैप बताने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें उस संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है, ताकि उससे जुड़े लोग जो उस आंदोलन या मुद्दे को ऑनलाइन या भौतिक रूप से उपस्थित होकर चलाना चाहते हैं, उन्हें उससे जुड़ी हर ताजा जानकारी और रणनीति का पता चलता रहे।