राम माधव ने देवगौड़ा को दिलाई 22 साल पुरानी याद, वजुभाई वाला थे बीजेपी चीफ
नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव के नतीजों में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलने के बाद सियासी नाटक जारी है। सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी कह रही है कि सरकार बनाने के लिए उसे बुलाया जाना चाहिए। वही, दूसरे नंबर की पार्टी कांग्रेस कह रही है, जेडी-एस को उसका खुला समर्थन है और केवल इन दोनों दलों के पास ही बहुमत का आंकड़ा है, इसलिए सरकार बनाने के लिए उन्हें बुलाया जाना चाहिए। अब गवर्नर क्या करेंगे? कांग्रेस कह रही है, अगर उन्हें बुलाया तो वह राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। कर्नाटक से सियासी जोड़तोड़ की खबरें लगातार आ रही हैं और घटनाक्रम हर पल बदल रहा है, इस बीच बीजेपी नेता राम माधव ने फेसबुक पर एक पोस्ट की है।
राम माधव ने लिखा है-Interesting note I received on WhatsApp:
और नोट, कुछ इस प्रकार है:
वो साल 1996 था और राज्य था गुजरात। गवर्नर थे कृष्णपाल सिंह। उस वक्त नरेंद्र मोदी राजनीतिक पटल पर उभरकर भी आ पाए थे, लेकिन उनके पुराने दोस्त शंकर सिंह वाघेला तब कद्दावर बीजेपी नेता हुआ करते थे। बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए वाघेला ने दिलीप पारिख के साथ लिया। वो उस वक्त बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम थे। कांग्रेस के समर्थन से दोनों सरकार के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने का काफी प्रयास किया, लेकिन बीजेपी सरकार ने बहुमत साबित कर दिया। उधर, गवर्नर कृष्णपाल सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को एक फाइल भेजी। इस फाइल में लिखा था- गुजरात का लॉ एंड ऑर्डर ठीक नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए। जैसे ही फाइल उस समय के प्रधानमंत्री के पास पहुंची, गुजरात सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। उस समय कोई और नहीं बल्कि एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे, जो इस समय कर्नाटक में कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की जुगत में लगे हैं। 1996 में 22 साल पहले जब गुजरात में बीजेपी सरकार बर्खास्त की गई थी, जब गुजरात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे वजुभाई वाला, जो आज कर्नाटक के गवर्नर हैं।
22 साल पहले की यह कहानी कर्नाटक में आज भी प्रासंगिक है। जो लोग आज नैतिकता की दुहाई दे रहे हैं। संवैधानिक सिद्धांतों की बात कर रहे हैं, वे कई चुनी हुई सरकारों की हत्या कर चुके हैं। यह काम नेहरू के जमाने से होता आया है।
अंत में लिखा गया है- 1996 में गुजरात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वजुभाई वाला आज कर्नाटक के गवर्नर हैं और वो प्रधानमंत्री जिन्होंने गुजरात की चुनी हुई सरकार को बर्खास्त कराने के बाद राष्ट्रपति शासन लगवाया था वो कोई और नहीं देवगौड़ा थे। आज कांग्रेस-जेडी-एस गवर्नर वजुभाई वाला से दया की उम्मीद कर रहे हैं और उन्हें उनका कर्तव्य बता रहे हैं, लेकिन वे भूल रहे हैं कर्मों का फल हर सूरत में मिलता है, इससे कोई बच नहीं सकता।
राम माधव से पहले सैफोलॉजिस्ट यशवंत देशमुख ने भी एक ट्वीट किया था