पीएम मोदी नहीं छोड़ेंगे सोशल मीडिया, लगा दिया इस बड़े कयास पर भी फुल स्टॉप
PM Modi can launch homegrown social media, so has talked about leaving Facebook, Twitter and other foreign social media.This speculation also stoppedदेसी सोशल मीडिया के लिए विदेशी सोशल मीडिया को टाटा बाय-बाय करना चाहते हैं पीएम मोदी! इस कयास पर भी लग गया फुल स्पॉट.
बेंगलुरु। दूसरे कार्यकाल में अब तक कई बार अपने बड़े फैसलों से जनता को चौंकाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए एक ट्वीट से देश में हलचल सी मच गई। उन्होंने ट्वीट किया कि वो इस रविवार, अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, ट्विटर, इंस्टग्राम और यू-ट्यूब से हटने की सोच रहा हूं। जिसके बाद कई तरह की अटकलें शुरू हो गई थी। हालांकि सोशल मीडिया छोड़ने के ऐलान के बाद पीएम मोदी का अब पहला ट्वीट आ चुका है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर ये ऐलान किया है कि महिला दिवस के दिन वो प्रेरणा देने वाली महिलाओं को ट्विटर अकाउंट समर्पित करेंगे। ये सिर्फ उसी दिन के लिए होगा। बता दें 8 मार्च को महिला दिवस है।
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बता दें सोमवार की देर रात सोशल मीडिया छोड़ने का मैसेज पढ़कर पीएम मोदी के फालोअर अपील करने लगे कि प्लीज सर ऐसा न करें। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया के इन प्लेटफॉर्म्स को छोड़ दिया तो लोगों से संवाद किस प्रकार स्थापित करेंगे। वहीं कुछ लोगों को मोदी के इस मैसेज के पीछे एक बड़ी योजना नजर आ रही थीं। आइए जानते हैं मोदी सरकार की किस बड़ी योजना के कयास लगाए जा रहे थे?
कहा गया जल्द आ सकता है देसी सोशल मीडिया
बता दें ट्वीट के बाद कई तरह की जो अटकलें लगाई जा रही थी उसमें ये भी कहा जा रहा था कि पीएम मोदी देसी सोशल मीडिया के लिए विदेशी सोशल मीडिया को अलविदा कहना चाहते हैं। बता दें मोदी सरकार एक ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाने पर काम कर रही है, जो पूर्णत: देसी होगा। इस सोशल मीडिया में किसी भी विदेशी कंपिनयों या विदेशी विशेषज्ञों का कोई दखल नही होगा। यह प्लेटफॉर्म पूर्णत: मेड इंडिया होगा।
8 मार्च को सरकार लांच करने वाली है ‘हर काम देश के नाम'
गौरतलब हैं कि 8 मार्च कि केन्द्र सरकार एक नया कैंपेन शुरु करने वाली है जिसका नाम हर काम देश के नाम होने वाला हैं। यह योजना और पीएम मोदी के सोशल मीडिया छोड़ने के संकेत को साथ जोड़ कर देखा जा रहा था। कहा गया कि ‘हर काम देश के नाम' जैसे कैंपेन को लॉन्च करना बड़ा संकेत हो सकता है। बता दें इस कैंपेन के द्वारा केन्द्र सरकार अपनी योजनाओं को बारे में लोगों को जानकारी देगी और हर मुद्दे पर जनता को जागरुक करने का काम करेगी। पिछले दिनों मोदी सरकार ने सभी मंत्रालयों से योजनाओं के प्रचार के बारे में एक खाका भी मांगा था।
सरकार डेवलेप कर रही थी कम्युनिकेशल नेटवर्क का देसी वर्जन
बता दें जून 2019 में मोदी सरकार भारत में पॉपुलर चैट ऐप वॉट्सऐप और दूसरे कम्युनिकेशल नेटवर्क का देसी वर्जन डेवलेप करने की बात कही थी। खासतौर पर सरकारी एंजेसियों के लिए सरकार ऐसा ऐप बनाना चाहती थी ताकि जियो पॉजिटिकल जोखिल से बचाने में मदद मिले। मालूम हो कि उन दिनों गूगल और कवालकॉम जैसे अमेरिकी कंपनियां जिस तरह चीन की कंपनी हुआवे पर अमेरिका के प्रतिबंध लगाने के बादउससे रिश्ते तोड़ रही थी। इससे भारत सरकार चौंकस हो गई थी और रणनीतिक और सुरक्षा कारणों से देसी चैट ऐप बनाने पर कार्य करना शुरु किया था। उस समय सरकार ने ये कहा था कि सरकारी स्तर पर संवाद के लिए अपना ईमेल, मेसेजिंग सिस्टम डेवलेप करना चाहते हैं ताकि हमें बाहरी कंपनियो पर आश्रित न रहना पड़े। तभी से सरकार सरकारी वॉट्सऐप का कोई वर्जन भी तलाश रही थी। सरकार ने मंशा जताई थी कि ऐसे नेटवर्क हो जिससे कम्युनिकेशन हो और डेटा भेजे जाएं, उन्हें भारत में ही स्टोर किया जाए। अगर कल को अमेरिका किसी वजह से हम पर भरोसा नहीं करता है तो उसकी सरकार कंपनियां भारत में नेटवर्क बंद कर सकती हैं और इससे सब कुछ रुक जाएगा। इस जोखिम को खत्म करने के लिए सरकार देसी सोशल मीडिया जैसा कदम उठा सकती हैं। बता दें कि चीन में भी ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल, जैसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं होता है। चीन ने इन सबके उपयोग के बजाय अपना एक देसी एप निकाला है, जो मैसेंजेर जैसे ऐप का काम करता है।
इस वजह से सरकार लांच कर सकती है नया प्लेटफॉर्म!
भाजपा के पदाधिकारियों ने कुछ संभावित कारणों की तरफ इशारा किया, जैसे पीएम मोदी 'डिजिटल डिटॉक्स' पर जा रहे हैं या दिल्ली हिंसा को हवा देने और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर 'घृणा, फेक न्यूज, अफवाहों और भारत की छवि को हो रहे नुकसान से आहत हैं। हालांकि, इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है कि वे कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूर रहेंगे या फिर हमेशा के लिए पीएम मोदी सोशल मीडिया छोड़ देंगे। एक मंत्री ने बताया था कि कई सोशल मीडिया हैंडल अफवाहों को फैलाने का काम कर रहे थे, वे दंगों और सीएए, एनआरसी और एनपीआर से जुड़े विरोध प्रदर्शनों को लेकर अपुष्ट दावे कर रहे थे।
सोशल मीडिया के किंग हैं पीएम मोदी
गौरतलब है कि पीएम मोदी की गिनती दुनिया के उन शीर्ष नेताओं में होती है जो सोशल मीडिया किंग हैं। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब हर प्लेटफॉर्म पर प्रधानमंत्री के फॉलोवर्स की संख्या करोड़ों में है, पीएम मोदी पर करोड़ों की तादात में लोग सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं। ट्विटर पर पीएम मोदी के 53.3 मिलियन फॉलोअर्स हैं। जबकि फेसबुक पर 4 करोड़ 47 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। इसके अलावा इंस्टग्राम पर उनके 35.2 मिलियन फॉलोअर्स हैं और यू-ट्यूब पर पीएम मोदी के 4.5 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं।
ट्विटर पर #NoSirकरने लगा ट्रेंड
पीएम मोदी के इस ट्वीट के बाद लोगों के कमेंट की बाढ़ आ गई। लोगों ने उनसे सोशल मीडिया न छोड़ने की अपील की। ट्विटर पर #NoSir ट्रेंड करने लगा। हालांकि, कुछ लोगों ने कहा कि शायद पीएम कुछ नया विचार लाने वाले हैं, जिसका खुलासा इस रविवार को होगा। वहीं पीएम मोदी के इस ट्वीट को लेकर बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने कहा कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी बात रखेंगे। देश और दुनियाभर से लोग उनसे ऐसा न करने की अपील कर रहे हैं।
किस वजह से पीएम मोदी छोड़ना चाहते हैं सोशल मीडिया?