घाटी में फिर से खुलेंगे स्कूल, डोवाल के पास है इसका ब्लूप्रिंट
जम्मू कश्मीर में स्कूलों को फिर से खोलने के लिए तैयार एक प्लान। हर स्कूलों को दी जाएगी पूरी सुरक्षा और हर बच्चा अटेंड करेगा नवंबर और दिसंबर में होने वाली परीक्षाएं।
श्रीगनर। 90 के दशक के बाद से शायद घाटी का माहौल ऐसा है जिसमें आतंक की आग में घाटी के स्कूल सबसे ज्यादा झुलस रहे हैं। स्कूल बंद हैं और कई स्कूलों को जलाया जा चुका है। नवंबर और दिसंबर में परीक्षाएं हैं और इससे पहले ही बच्चों का भविष्य अंधेरे में है। लेकिन इन बच्चों को अंधेरे से निकालने के लिए अब एक प्लान तैयार कर लिया गया है।
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स्कूलों को पूरी सुरक्षा देंगे डोवाल
घाटी के स्कूल फिर से खुलें और फिर से बच्चे वापस लौटें इसकी तैयारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल कर रहे हैं।
हर स्कूल को उसके आकार और वहां मौजूद बच्चों की कम या ज्यादा संख्या के बावजूद पूरी सुरक्षा दी जाएगी। स्कूलों के बाहर सुरक्षाबलों को डेप्लॉयड किया जाएगा।
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25 स्कूल आग के हवाले
गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक मुलाकात पिछले दिनों हुई थी और इस मीटिंग में इस प्लान को अंतिम रूप दिया गया है। नौ जुलाई को जब से हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत हुई है तब से ही घाटी में अशांति कायम है।
अब तक 25 स्कूलों पर हमला हो चुका है और इन्हें जलाया जा चुका है। पिछले 100 दिनों से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
आतंकियों और अलगाववादियों की ओर से धमकी दी गई है कि अगर कोई स्कूल खुला नजर आया तो वे उसे आग लगा देंगे।
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राज्य सरकार को दिए गए आदेश
गृह मंत्रालय की मीटिंग में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोवाल के साथ ही कई अधिकारी मौजूद थे।
राज्य सरकार को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। राज्य सरकार से कहा गया है कि वह बच्चों के माता-पिता को राजी करे कि वे अपने बच्चों को दोबारा स्कूल भेजना शुरू करें।
गृह मंत्रालय के मुताबिक हर हाल में नवंबर के दूसरे हफ्ते से 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कराई जाएंगी।
गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को सलाह दी गई है कि विधायक, जिला अधिकारी और मंत्री परीक्षाओं के दौरान स्कूलों में मौजूद रहेंगे।
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50 प्रतिशत सवालों के जवाब का विकल्प
वहीं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के छात्रों को यह सुविधा दी गई है कि वे अगर चाहें तो कुल सवालों की जगह सिर्फ 50 प्रतिशत यानी आधे सवालों का ही जवाब दे सकते हैं।
छात्रों के भविष्य को देखते हुए इस बात का ऐलान किया गया है। जम्मू कश्मीर राज्य बोर्ड की ओर से यह आदेश जारी किया गया है और कहा गया है कि परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी।
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सिर्फ सरकारी संस्थाओं में परीक्षाएं
14 और 15 नवंबर से परीक्षाएं शुरू होंगी और सुबह 11 बजे से परीक्षाओं को आयोजित किया जाएगा न कि दोपहर एक बजे से। बोर्ड का कहना है कि पाठ्यक्रम पूरा न हो पाने की वजह से यह घोषणा की गई है।
बोर्ड ने फैसला किया है कि परीक्षाएं सिर्फ सरकारी संस्थाओं में ही आयोजित होंगी। बोर्ड किसी भी प्राइवेट स्कूल को परीक्षा केंद्र के तौर पर शामिल नहीं करना चाहता है।