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Coronavirus: जानिए, कैसे संक्रमण से सुरक्षा के लिए रामबाण साबित हो रही है भारतीय पद्धति!

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बेंगलुरू। वैश्विक त्रासदी के रूप में सामने आ चुकी नोवल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए भारतीय अभिवादन संस्कृति की चर्चा ने जोर पकड़ रही है। मसलन, अभिवादन के लिए 'नमस्ते' और शवों के अंतिम संस्कार के लिए दाह संस्कार पर जोर दिया जा रहा है ताकि घातक कोरोनावायरस के संक्रमण को कम किया जा सके। WHO ने भी संक्रमण से बचने के लिए हाथ न मिलाने और गले न मिलने की सलाह दी है।

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यह देखना दिलचस्प रहा जब जर्मनी चांसलर एंजला मर्केल को उनके मंत्री ने कोरोनावायरस के डर से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। जर्मनी के आंतरिक मामलों के मंत्री होर्स्ट सीहोफर ने ऐसा कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने या फैलाने को रोकने के इरादे से किया, जिसे बाद जर्मनी चांसलर एंजला मर्केल ने सही भी करार दिया।

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गौरतलब है दुनिया के लगभग 90 देशों में कोरोनावायरस की दहशत फैली हुई है और इसके प्रकोप से भारत समेत दुनिया में 3387 लोगों की मौत हो चुकी है और 98436 लोग संक्रमित हैं। भारत में भी यह पैर पसारता जा रहा है। भारत में कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या 30 पहुंच गई है और लगातार बढ़ रही है। भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित 30 लोगों में से 17 विदेशी और 13 भारतीय शामिल हैं।

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फिलहाल, भारत में किसी कोरोना संक्रमित पीड़ित मरीज की मौत की खबर नहीं है। लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक संदिग्ध लड़की के कोरोनावायरस मरीज की मौत की खबर रिपोर्ट हुई है, लेकिन अभी उसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है कि वह मरीज नोवल कोरोनावायरस से संक्रमित था अथवा नहीं।

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हालांकि भारतीय अभिवादन नमस्ते का एक तोड़ चीन के वुहान सिटी में निकाल लिया गया है, जिसमें लोग एकदसूरे के पैरों को पैरों से छूकर अभिवादन कर रहे हैं। उक्त अभिवादन को वुहान शेक (Wuhan Shake) नाम दिया है। अब चीन में लोग एकदसूर से मिलते वक्त हाथ मिलाना बंद कर दिया है और हैंड शेक करन के बजाय वुहान शेक कर रहे हैं।

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सोशल नेटवर्किंग साइट्स ट्विटर पर चीन में वुहान शेक करते चाइनीज लोगों का एक वीडियो में भी खूब वायरल हो रहा है, जिसमें दो चाइनीज अभिवादन के लिए एक दूसरे से वुहान शेक करते हुए देखे जा सकते हैं। अभिवादन का यह चीनी अंदाजोबयां भले ही रोचक हो, लेकिन भारतीय अभिवादन नमस्ते के कहीं आसपास नहीं है। वुहान शैक युवाओं के लिए अच्छा तरीका हो सकता है।

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उल्लेखनीय है विश्व स्वास्थ्य सगंठन समेत सभी स्वास्थ्य एजेंसियां जानलेवा नोवल कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों से हाथ न मिलाने, गले न मिलने की अपील की है, जिसके बाद बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता अनुपम खेर ने एक वीडियो शेयर करके लोगों से संक्रमण से बचने के लिए नमस्ते को अपनाने की अपील की।

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इसके बाद इजरायली पीएम नेतन्याहू द्वारा अपने देशवासियों से हाथ मिलाने की बजाय भारतीय नमस्ते करने की सलाह देने वाली खबर सुर्खियों में आ गई। उन्होंने कोरोनावायरस को लेकर मीटिंग के बाद अपने देशवासियों को नमस्ते करने की सलाह दी ताकि वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिल सके।

यह भी पढ़ें-CoronaVirus: जानिए सबकुछ, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण, संक्रमण से बचाव और उनके उपचार!

इजरायली पीएम ने देशवासियों से भारतीय नमस्ते करने की सलाह दी है

इजरायली पीएम ने देशवासियों से भारतीय नमस्ते करने की सलाह दी है

विश्व स्वास्थ्य सगंठन समेत सभी स्वास्थ्य एजेंसियां जानलेवा नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों से हाथ न मिलाने, गले न मिलने की अपील की है, जिसके बाद बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता अनुपम खेर ने एक वीडियो शेयर करके लोगों से संक्रमण से बचने के लिए भारतीय अभिवादन के तरीके नमस्ते को अपनाने की अपील की। इसके बाद इजरायली पीएम नेतन्याहू द्वारा अपने देशवासियों से हाथ मिलाने की बजाय भारतीय नमस्ते करने की सलाह देने वाली खबर सुर्खियों में आ गई। उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर मीटिंग के बाद अपने देशवासियों को नमस्ते करने की सलाह दी ताकि वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिल सके।

मंत्री ने चांसलर एंजेला मर्केल से हाथ मिलाने से इनकार दिया

मंत्री ने चांसलर एंजेला मर्केल से हाथ मिलाने से इनकार दिया

कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर क्या आम और क्या खास सभी लोगों को दहशतजदा कर दिया है। इसकी तस्दीक कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव को लेकर एक बेहद दिलचस्प मामला रूबरू हुआ। दरअसल, जर्मनी के आंतरिक मामलों के मंत्री होर्स्ट सीहोफर ने देश की चांसलर एंजेला मर्केल से हाथ मिलाने से इनकार दिया। ऐसा उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने या फैलाने को रोकने के इरादे से किया। जर्मनी चांसलर एंजला मार्केल और मंत्री होर्स्ट सीहोफर का उक्त वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है। बताया जाता है कि जर्मनी चांसलर एंजेला मर्केल ने मंत्री के हाथ नहीं मिलाने को बाद में सही करार दिया।

हैंड शेक छोड़कर अब 'वुहान शेक कर रहे चीनी नागरिक

हैंड शेक छोड़कर अब 'वुहान शेक कर रहे चीनी नागरिक

भारतीय अभिवादन नमस्ते का एक तोड़ चीन के वुहान सिटी में निकाल लिया गया है, जिसमें लोग एकदसूरे के पैरों को पैरों से छूकर अभिवादन कर रहे हैं। उक्त अभिवादन को वुहान शेक (Wuhan Shake) नाम दिया है। अब चीन में लोग एकदसूर से मिलते वक्त हाथ मिलाना बंद कर दिया है और हैंड शेक करन के बजाय वुहान शेक कर रहे हैं। ट्विटर पर वुहान शेक करते चाइनीज का एक वीडियो में भी वायरल हो रहा है, जिसमें लोग एक दूसरे से वुहान शेक करते हुए देखे जा सकते हैं।

अंतिम संस्कार को लेकर भी भारतीय संस्कृति की छाप चीन में दिखी

अंतिम संस्कार को लेकर भी भारतीय संस्कृति की छाप चीन में दिखी

इसी तह शवों के अंतिम संस्कार को लेकर भी भारतीय संस्कृति की छाप कोरोना वायरस से सर्वाधिक पीड़ित चीन में दिखी, जहां संक्रमित मृतकों के शवों को दफनाने के बजाय अब जलाया जा रहा है। 5000 से अधिक पुरानी भारतीय संस्कृति में मृतकों के शवों का दाह संस्कार का रिवाज है। हालांकि चीन ने कोरोना वायरस के प्रसार से पहले ही शवों के दाह संस्कार का फैसला किया था और कई राज्यों और महानगरो में अब शवों को जमीन में दफ़न करने पर रोक का लगा दी गयी थी। इसके पीछे कब्रिस्तान की जमीन बर्बाद होने की दलील दी गई। अपुष्ट खबर है कि कोरोना वायरस से चीन के सबसे अधिक प्रभावित ईरान में भी शवों को अंतिम संस्कार दाह संस्कार के जरिए किया जा रहा है।

सेमेटिक-सम्प्रदायों को छोड़कर पूरे विश्व में शवों को जलाने की प्रथा है

सेमेटिक-सम्प्रदायों को छोड़कर पूरे विश्व में शवों को जलाने की प्रथा है

सेमेटिक-सम्प्रदायों को छोड़कर समस्त विश्व में अपने शवो को जलाने की प्रथा है। सेमेटिक से मतलब है अरब की सामी जमीन से निकले यहूदी, ईसाई और इस्लाम मजहब। हालांकि चीन में शवों को समुंद्र में भी दफनाने की व्यवस्था करने की बात कही जा रही है और सरकार समुद्र की गहराई में दफ़न करवाने का इंतजाम भी सकती है।

दुनिया भर में शवों के अंतिम संस्कार के प्रायः तीन तरीके प्रचलित हैं

दुनिया भर में शवों के अंतिम संस्कार के प्रायः तीन तरीके प्रचलित हैं

दुनिया भर में शवों के अंतिम संस्कार के प्रायः तीन तरीके प्रचलित हैं। इनमें शवदाह, शव को दफनाना और शवों को खुला छोड़ देना यानी पानी में बहा देना। चूंकि शव दफनाने की प्रक्रिया में जमीन की बर्बादी के साथ शवों के जमीन में विघटित होने की प्रक्रिया धीमी होती है इसलिए कोरोनाव वायरस संक्रमित मृतकों का जलाकर अंतिम संस्कार का वरीयता दिया जा रहा है ताकि संक्रमित शव से कोरोना वायरस के संचरण स्थायी रूप से रोका जा सके। कहा जाता है शरीर के तत्वों के विघटित होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिससे बहुत अधिक बदबू के साथ-साथ संक्रमण फैलने की स्थिति पैदा होती है।

दुनिया भर में भारत की तरह शवों को जलाने का चलन तेजी से बढ़ा है

दुनिया भर में भारत की तरह शवों को जलाने का चलन तेजी से बढ़ा है

अमेरिका में 1960 में जहां दाह संस्कार करने वाले सिर्फ 3.8 फीसदी थे, वर्ष 2015 में अमेरिका में 49 फीसदी लोगों ने अंतिम संस्कार के लिए दफनाने की जगह दाह संस्कार की प्रथा को अपनाया। कुछ ऐसा ही आंकड़ा कनाडा का है, जहां वर्ष 1970 में शवों को जलाकर अंतिम कर्म क्रिया करने वाले 5.89 फीसदी थी, लेकिन अब कनाडा में दाह संस्कार करने वाले 68.4 फीसदी हो चुके हैं। इंटरनेशनल क्रेमेशन स्टैटिस्टिक्स 2008 के अनुसार दुनिया भर में भारत की तरह शवों को जलाने का चलन तेजी से बढ़ा है।

जापान में 100, भारत में 85 और चीन में 46 फीसदी होते हैं दाह संस्कार

जापान में 100, भारत में 85 और चीन में 46 फीसदी होते हैं दाह संस्कार

जापान में लगभग 100 फीसदी, भारत में 85 फीसदी, चीन में 46 फीसदी, ताइवान में 93 फीसदी शवों का दाह संस्कार के जरिए अंतिम क्रिया किया जाता है। वहीं, यूरोपीय देशों में शवदाह का औसत 72 फीसदी तक पहुंच चुका है जबकि वर्ष 1960 तक यह आंकड़ा केवल 35 फीसदी हुआ करता था। फ्रांस में तो सरकार बाकायदा लोगों को शवदाह के लिए बढ़ावा दे रही है, क्योंकि शव दफनाने के लिए जमीनें कम पड़ रही है और आज वहां लगभग आधे लोग शवदाह ही पसंद करते हैं।

English summary
The corona virus has spread to almost 90 countries in the world and 3387 people have died and 98436 people have been infected in the world, including India. In India too, this foot is spreading. The number of coronavirus infections in India has reached 30 and is increasing steadily. Of the 30 people infected with the corona virus in India, 17 are foreigners and 13 are Indians.
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