कोरोना वायरस रोकने के लिए बेंगलुरू की कंपनी ने बनाया खास डिवाइस, FDA और EU से मिली मंजूरी
बेंगलुरू। कर्नाटक राज्य के बेंगलुरू शहर में स्थित एक कंपनी ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए एक डिवाइस बनाया है, जिसे अमेरिकी फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (USFDA) और यूरोपियन यूनियन (EU) से मंजूरी मिल गई है। कंपनी के इस डिवाइस को बीते हफ्ते ही ये मंजूरी मिली है। शाइकोकन- स्केलन हाइपरचार्ज कोरोना कैनन (Shycocan- Scalene Hypercharge Corona Canon) नाम का ये डिवाइस दिखने में एक ड्रम की तरह है। जिससे कोरोना वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने से रोका जा सकता है।
इस डिवाइस को सार्वजनिक स्थानों जैसे ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल या फिर एयरपोर्ट पर लगाया जा सकता है। इस डिवाइस की खासियत ये है कि यह कोरोना वायरस में मौजूद स्पाइक प्रोटीन (Spike-Protein) और ए-प्रोटीन (S-Protein) को 99.9 फीसदी तक न्यूट्रलाइज कर सकता है। ऐसा होने से वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलेगा। हालांकि इससे किसी संक्रमित व्यक्ति को ठीक नहीं किया जा सकता है।
डिवाइस को लेकर बेंगलुरू की De Scalene कंपनी के प्रमुख डॉक्टर राजा विजय कुमार ने कहा कि हमने मानवीय तौर पर भारत और विदेश की कुछ कंपनियों को ये डिवाइस बनाने के लिए लाइसेंस दिए हैं। लाइसेंस के लिए अमेरिका, यूरोप और मेक्सिको की कंपनियों ने मांग की है। उन्होंने कहा कि 26 तरह के टेस्ट होने के बाद यूएसएफडीए और ईयू से स्वीकृति मिली है। ये डिवाइस कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है, खासतौर पर इंडोर स्थानों पर। इसे हर जगह लगाने से ये वायरस को रोकने का काम करेगा।
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डिवाइस को मार्च महीने में अमेरिका भी भेजा गया था, जहां ये स्पष्ट हो गया कि ये 10000 क्यूबिक मीटर क्षेत्र कवर करता है। अब सवाल उठता है कि ये डिवाइस वायरस को फैलने से कैसे रोकेगा। तो इसका जवाब ये है कि जिस स्थान पर भी इसे लगाया जाएगा उसे यह सैकड़ों इलेक्ट्रॉन्स से भर देगा। ऐसे में इस स्थान पर अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति आता है तो भी हवा में मौजूद छींक या खांसी के कारण उत्पन्न वायरस की घातकता को ये इलेक्ट्रॉन्स खत्म कर देंगे। इसके साथ ही अगर संक्रमित व्यक्ति कोई चीज छू लेता है, तो इलेक्ट्रॉन्स उससे भी वायरस के खतरे को खत्म कर देंगे।
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