गुजरात में दलित दूल्हे की घुड़चढ़ी रोकने को मारे पत्थर, घायल घोड़े ने तोड़ा दम, 43 लोगों पर FIR
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात के अरवल्ली जिले की मोडासा तहसील के खांभीसर गाँव में 12 मई को दलित दूल्हे की शादी को उच्च जाति के लोगों ने बाधित किया था। दूल्हा जिस घोड़ी पर घुड़चढ़ी करने वाला था, उस घोड़े की अब मौत हो गई है। इस घटना के लिए पुलिस ने 43 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा-429 की तहत एफआईआर दर्ज की है। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता डाह्याभाइ राठौड़ ने मोडासा की एक जिला अदालत के समक्ष 43 अभियुक्तों की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि दलित दूल्हे की घुड़चढ़ी के दौरान उच्च जातियों द्वारा किए गए पथराव में लगी चोटों के कारण घोड़े ने दम तोड़ दिया है।
जानकारी के अनुसार, यह पहली घटना थी जब गांव में एक दलित दूल्हा जयेश राठौड़ घोड़े की सवारी कर रहा था। शिकायतकर्ता का कहना है कि आरोपियों ने दलितों को गाली देते हुए जुलूस पर पत्थर से हमला किया था और जुलूस को रोकने के लिए सड़क पर बाधा खड़ी की। पुलिस ने आईपीसी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था। शिकायत में 16 महिलाएं और 27 पुरुष हैं।
राठौड़ के वकील केवलसिंह राठौड़ ने कहा कि आरोपी ने पूरी एफआईआर को झूठा बताते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी। मगर, हमने इसका विरोध कई आधारों पर किया जैसे जुलूस पर तब भी हमला किया गया जब हमने पुलिस सुरक्षा ली थी।
साथ ही, जिस घोड़े पर दूल्हा सवार था, उसे पथराव में गंभीर चोटें आई थीं और उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने घोड़ों के मालिक का बयान दर्ज किया है, जो शिकायत का समर्थन कर रहे हैं। वास्तव में, अत्याचार अधिनियम में अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं, आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है। मामले में जांच अधिकारी, पुलिस उपाध्यक्ष एस. एस गढ़वी ने कहा कि 12 मई से इलाज पर रहने के बाद कुछ दिन पहले घोड़े की मौत हो गई।