इस साल रिटायर होंगे गुजरात में 20 हजार सरकारी कर्मचारी, 8 लाख है यहां कुल कर्मचारियों की संख्या
गांधीनगर। गुजरात में इस साल 20 हजार सरकारी कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में यहां सालाना 15,000 से 17,000 कर्मचारी रिटायर हो रहे थे। मगर, 2019 में यह संख्या बढ़कर 20,216 तक पहुंच गई। अब सरकार इन कर्मचारियों की जगह नई भर्तियां कराएगी।सरकार सालाना 20 प्रतिशत कर्मचारियों की भर्ती करती है, जबकि राज्य के विभिन्न विभागों में 80 प्रतिशत पद रिक्त ही रहते हैं। गुजरात सरकार के पास कुल कर्मचारियों की संख्या आठ लाख ही है।
गुजरात में पुलिस के कर्मचारी भी बड़ी संख्या में रिटायर हो रहे
रिकॉर्ड देखें तो वर्ष 2005 से सेवा निवृत्ति की वृद्धि बढ रही है। आमतौर पर, जून के महीने में दर्ज की गई हजारों नौकरियां एक ही महीने में अधिक सेवानिवृत्त हो जाती हैं। इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों में विभिन्न सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी, शिक्षक, प्रोफेसर, अनुदान प्राप्त संस्थान, बोर्ड-निगम के कर्मचारी और विभिन्न पंचायत कर्मचारी शामिल हैं। हर साल राज्य सरकार से कर्मचारियों की भर्ती करती है, लेकिन कुछ भर्तियां कॉन्ट्रेक्ट सिस्टम पर चल रही है। पुलिस विभाग में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अब सरकार पुलिस में भर्ती करने जा रही है, क्योंकि 17,000 कर्मचारी सरकारी नौकरियों से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
प्रतिवर्ष 3000 से 5000 शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे
गुजरात प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों का भी यही हाल है। एक बड़ी टीम रिटायरमेंट की राह पर है। दूसरी ओर, सरकार के वर्ग-1 से वर्ग-3 में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में प्रति वर्ष 18 हजार से अधिक की वृद्धि हुई है। सरकारी कर्मचारियों की तरह सरकारी शिक्षक भी रिटायर होते हैं। राज्य में प्रति वर्ष 3000 से 5000 शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
किस साल कितने सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए
2017-18
-
19,508
2018-19
-
20,216
2019-20
-
19,748
2020-21
-
17500
2021-22
-
18000
गुजरात में 25 साल से कर्मचारियों की नियमित भर्ती पर प्रतिबंध लागू
गुजरात राज्य कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष विष्णुभाई पटेल का कहना है कि गुजरात में 25 साल से कर्मचारियों की नियमित भर्ती पर प्रतिबंध लागू है। सरकार अपने रिक्त स्थानों को कोंट्राक्ट सिस्टम से भरती है। रेग्युलर पोस्टींग बहुत ही कम मात्रा में हो रहा है। हर साल हजारों कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बावजूद नए कर्मचारियों को नहीं लिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप प्रशासनिक ढांचा बिखरने का डर है। हर साल सरकार को इंजीनियरों, कानून विशेषज्ञों और तकनीकी विशेषज्ञों का बड़ा नुकसान हो रहा है।
नए कर्मचारियों को लेने के लिए भर्ती कैलेंडर बनाया
सरकार का दावा है कि सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सामने नए कर्मचारियों को लेने के लिए भर्ती कैलेंडर बनाया है। लेकिन वास्तव में, सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक फिक्स-पे सिस्टम पेश की है। इन नियत वेतनभोगियों को पांच साल तक कोई सरकारी लाभ मिल रहा है और उसको सरकारी कर्मचारी के रूप में नहीं गिना जाता है।
पेंशन और भविष्य निधि के तर्क
गुजरात सरकार के पेंशन और भविष्य निधि विभाग की आधिकारिक पुस्तक ने 2007 में 4.69 लाख कर्मचारियों को पंजीकृत किया है। 2012 में कर्मचारियों की संख्या घटकर 3.71 लाख हो गई। विभाग के नोट के अनुसार, 2014 तक, 36 हजार से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इस लिये यह संख्या घटकर 3.35 लाख हो गई है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या के अनुसार, वर्ष 2020 तक भरती का रवैया इस तरह रहेगा तो, राज्य सरकार के पास प्रशासन में केवल 2.21 लाख स्थायी कर्मचारी होंगे।
गुजरात की 96 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित, 3300 करोड़ मदद की मांग पर केंद्र से नहीं मिला कोई जवाब