गुजरात की 96 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित, 3300 करोड़ मदद की मांग पर केंद्र से नहीं मिला कोई जवाब
गांधीनगर। गुजरात की 96 तहसीलों में सूखा घोषित किया जा चुका है। राज्य सरकार राहत कार्यों में जुटी हुई है। हालांकि, केंद्र सरकार से सूखा ग्रस्त इलाकों के लिये आने वाली 3300 करोड़ रुपए की सहायता अब तक नहीं मिल पाई है। प्रादेशिक अधिकारियों के मुताबिक, गुजरात के आवेदन पर केंद्र से कोई जवाब नहीं दिया गया है। माना जा रहा है कि सूखा राहत उपायों में जो खर्च हुआ है, वह अब राज्य सरकार के बजट खर्च में शामिल हो सकता है। बता दें कि, राज्य सरकार 2150 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।
राज्य के 17 जिलों के 96 तालुका सूखाग्रस्त घोषित
पिछले साल कम बारिश की वजह से सूखे प्रभावित इलाकों में पीने के पानी की, पशुधन की हालाकीयां, किसानों की फसल, सबसीडी औऱ रोजगार जैसे मुद्दो पर सरकार ने सभी खर्च किया है। सरकार ने पशुधन के लिये वितरित किये जाने वाले चारे की खरीदी की थी, जो 15 करोड़ किलोग्राम थी। इस वर्ष, गुजरात एक गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। राज्य के 17 जिलों के 96 तालुका सूखाग्रस्त घोषित किये हैं। सूत्रों ने कहा कि सूखा प्रभावित घोषित 51 तालुकों को कृषि फसल इनपुट सब्सिडी, पशु शिविरों को चलाने के लिए वित्तीय सहायता, गौ शाला (गाय आश्रय) और पंजरापोल (परित्यक्त पशुओं के लिए घर), पशुधन के लिए चारा पर राहत प्रदान की गई है। जिसमें 950 करोड़ रुपये की लागत लगी है। इस लागत का एक हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा साझा किया जा रहा है।
वित्तीय सहायता के रूप में लगभग 350 करोड़ रुपये का वितरण
हालाँकि, राज्य सरकार ने पहले 45 तालुकाओं को भी प्रभावित घोषित किया था, जो सूखे की परिभाषा में नहीं आते हैं, जिसके कारण केंद्र कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करता है। राज्य सरकार द्वारा संपूर्ण लागत वहन करने के साथ, इन तालुकों में 650 करोड़ रुपये की राहत के उपाय प्रदान किए है, लेकिन केंद्र की सहायता प्राप्त करने के लिये कुछ औऱ तहसील उसमें जोड दिये गये है। पशु शिविरों और गाय आश्रयों में प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन के रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता के रूप में लगभग 350 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है।
चारा खरीदने के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च किया
कृषि विभाग के सूत्र ने कहा कि, "इस साल, सूखा क्षेत्रों में वितरण के लिए चारे की खरीद रियायती दरों पर की गई है। लगभग 15 करोड़ किलोग्राम चारा खरीदा गया था और 13 करोड़ किलोग्राम चारा पहले ही वितरित किया गया था। जुलाई के अंत तक, शेष चारा भी वितरित किए जाने की संभावना है। राज्य सरकार ने चारा खरीदने के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च किया है।
यहां 20 करोड़ रुपये और दिए जाने की संभावना
इसके अलावा, गुजरात जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड भी इन क्षेत्रों में टैंकरों में पीने का पानी उपलब्ध करा रहा है। बोर्ड को इस काम के लिए 30 करोड़ रुपये दिए गए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत देने के लिए 20 करोड़ रुपये और दिए जाने की संभावना है।
सरकार को अपने बजट में इसका प्रावधान करना होगा?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने कुछ समय पहले केंद्र सरकार को एक आवेदन भेजकर सूखे की स्थिति से निपटने के लिए अनुमानित 3,300 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की मांग की थी। हालाँकि उन्हें अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अगर केंद्र की ओर से सहाय नहीं मिलती है तो गुजरात सरकार को अपने बजट में इसका प्रावधान करना होगा।