Lal Bahadur Shastri famous quotes in Hindi: ये हैं देश को 'जय जवान जय किसान' का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार
नई दिल्ली। भारत को 'जय जवान और जय किसान' का नारा देने वाले देश के लाल और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिवस 2 अक्टूबर को पूरे देश में मनाया जाता है। 'सादा जीवन उच्च विचार' के साक्षात उदाहरण लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित लाल बहादुर शास्त्री ने 'असहयोग आंदोलन' के समय देश सेवा का व्रत लिया था और देश की राजनीति में कूद पड़े थे। लाल बहादुर शास्त्री जाति से श्रीवास्तव थे लेकिन उन्होने अपने नाम के साथ अपना उपनाम लगाना छोड़ दिया था क्योंकि वह जाति प्रथा के घोर विरोधी थे।
'रहस्यमय परिस्थितियों में हुई थी लाल बहादुर शास्त्री की मौत'
उजबेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के पश्चात 11 जनवरी, 1966 की रात को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी, उनकी देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था, उनकी सोच देश को एकता के सूत्र में बांधकर विकास के पथ पर आगे बढ़ाने की थी और पूरा जीवन उन्होंने वो काम भी किया।
आइए एक नजर डालते हैं लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचारों पर...
- जय जवान, जय किसान - लाल बहादुर शास्त्री
- जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है, हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।-लाल बहादुर शास्त्री
- यदि लगातार झगड़े होते रहेंगे तथा शत्रुता होती रहेगी तो हमारी जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। परस्पर लड़ने की बजाय हमें गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना चाहिए। दोनों देशों की आम जनता की समस्याएं, आशाएं और आकांक्षाएं एक समान हैं। उन्हें लड़ाई-झगड़ा और गोला-बारूद नहीं, बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है।- लाल बहादुर शास्त्री
'देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है'
- आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे जरूरी है, जिससे हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेराजगारी से लड़ सके- लाल बहादुर शास्त्री
- कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने- लाल बहादुर शास्त्री
- देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है-लाल बहादुर शास्त्री
'हमें लड़ने के बजाय गरीबी और अशिक्षा से लड़ना चाहिए'
- जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंतत: जनता ही मुखिया होती है।
- देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाए गरीबी, बीमारी, अशिक्षा और अज्ञानता से लड़ना होगा।
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