'भारतीय संस्कृति को सलाम', दिल्ली यूनिवर्सिटी में गाउन-हैट नहीं, पहली बार छात्रों ने अंगवस्त्र पहनकर ली डिग्री
Delhi University Convocation 2023:इस साल छात्रों को पारंपरिक लोकाचार के साथ पहनने के लिए एक शॉल या अंगवस्त्र दिया गया था। पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने और अंगवस्त्र से सुसज्जित दिल्ली विश्वविद्यालय के सैकड़ों स्नातक छात्रों
Delhi University Convocation 2023: दिल्ली विश्वविद्यालय के 99वें दीक्षांत समारोह 25 फरवरी को आयोजित हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 99वें वार्षिक दीक्षांत समारोह छात्रों को डिग्री दी। इस दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र ने इतिहास में पहली बार विदेशी गाउन और हैट नहीं पहना। डीयू के दीक्षांत समारोह में छात्र और अधिकारी ट्रेडिशनल टोपी और गाउन पहनने के बजाए पारंपरिक भारतीय पोशाक में नजर आए। इस साल छात्रों को पारंपरिक लोकाचार के साथ पहनने के लिए एक शॉल या अंगवस्त्र दिया गया था। पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने और अंगवस्त्र से सुसज्जित दिल्ली विश्वविद्यालय के सैकड़ों स्नातक छात्रों ने विश्वविद्यालय के 99वें दीक्षांत समारोह में अपनी डिग्री ली।
लड़के कुर्ता पजामा और लड़कियों ने पहनी साड़ी
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने पहले ही छात्रों को भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दीक्षांत समारोह में वेस्टर्न आउटफिट पहनने के के बजाय पारंपरिक भारतीय कपड़े पहनने के लिए कहा था। समारोह में कुल 170 छात्रों, जिसमें 51 लड़के और 119 लड़कियों को पदक और पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लड़के कुर्ता पजामा और लड़कियां साड़ी और सलवार कमीज में देखी गईं।जिसके साथ सबने अंगवस्त्र लिया था।
दिल्ली विश्वविद्यालय खेल स्टेडियम परिसर के दीक्षांत समारोह में अंगवस्त्र के लिए स्टॉल लगाया गया था। छात्रों को अंगवस्त्र खरीदते देखा गया, हर की कीमत 710 रुपये थी और यह तीन रंगों में उपलब्ध था।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों के मुताबिक अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करने वाले छात्रों को पीला, स्नातकोत्तर छात्रों को फिरोजी रंग और पीएचडी के छात्रों को लाल अंगवस्त्र की थीम रखी गई थी। उन्हें अपनी बाकी पोशाक तय करने की अनुमति दी गई थी।
दीक्षांत समारोह के पहले चेंज किया गया था ड्रेस
बता दें कि दीक्षांत समारोह से लगभग दो महीने पहले डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने दीक्षांत समिति से समारोह के लिए नए डिजाइन बनाने को कहा था। डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा था कि इस साल दीक्षांत समारोह में कोट और ग्रेजुएशन की टोपी नहीं होगी, इसकी जगह हम ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को ग्रेजुएशन समारोह में पहनने के लिए शॉल या अंगवस्त्र देंगे। ऐसा करके हम भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
'मैं उन गाउन पहनने का कारण कभी नहीं समझ पाई...'
बीएससी गणित में टॉप करने वाली मिरांडा हाउस की छात्रा नवनीत कौर ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं। 99वें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से सम्मानित होना बहुत खुशी का पल है। यह बहुत ही मेरे लिए खास और यादगार पल है।''
ड्रेस कोड के बारे में बात करते हुए नवनीत कौर ने कहा, ''मैं उन गाउन पहनने का कारण कभी नहीं समझ पाई। हमारी अपनी संस्कृति है और हमें उसी से चीजें लेनी चाहिए। मुझे खुशी है कि विश्वविद्यालय ने ऐसा किया है।"
एक रिसर्च स्कॉलर, राधिका ने कहा, "मेरे माता-पिता यहां मेरे साथ हैं। मैं उन्हें यह अंगवस्त्र याद के तौर पर गिफ्ट में देना चाहती हूं।''
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने "भारतीय संस्कृति से प्रेरित" पोशाक को अपनाने के लिए विदेशी कल्चर छोड़ने का फैसला किया था।
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