Paush Purnima 2023 Muhurat: पौष पूर्णिमा आज, जानिए पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र, महत्व और आरती
पूर्णिमा के दिन गरीबों को दान देना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए, ऐसा करने से इंसान की परेशानियों का अंत होता है और उसे सुख की प्राप्ति होती है।
Paush Purnima 2023 Muhurat: साल की पहली पूर्णिमा आज है ,इसी के साथ ही पौष मास का अंत हो जाएगा। यूं तो हर मास की पूर्णिमा खास होती है लेकिन पौष पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, कहते हैं कि इस दिन पूजा और दान-पुण्य करने से इंसान के हर दुख का अंत होता है और उसे सुख-वैभव की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है लेकिन इस बार ये पूर्णिमा शुक्रवार को आई है, जो कि पहले से ही मां लक्ष्मी का दिन होता है, ऐसे में आज के दिन का मान काफी बढ़ गया है।
पूर्णिमा के दिन गरीबों को दान देना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए, ऐसा करने से इंसान की परेशानियों का अंत होता है और उसे संतोष की प्राप्ति होती है, लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और सूर्य को अर्ध्य देते हैं। कुछ लोग आज उपवास भी रखते हैं और शाम को चंद्रमा को जल चढ़ाकर अपना उपवास खोलते हैं। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की विशेष पूजा होती है।
पौष पूर्णिमा मुहूर्त
- पौष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 जनवरी 02:16 AM
- पौष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त: 07 जनवरी 04:37 AM
- इस दौरान आप कभी भी पूजा कर सकते हैं।
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- उपवास का संकल्प लें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करें।
- रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करें।
- आरती करें, प्रसाद बांटे और फिर व्रत खोलें।
मंत्र
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:
- ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
पूर्णिमा आरती
- ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।
- दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी।
- रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी।
- दीन दयाल दयानिधि, भव बंधन हारी।
- जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
- सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि।
- योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें।
- ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, संत करें सेवा।
- वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी।
- प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी।
- शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी।
- धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे।
- विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी।
- सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें।
- ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।
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