Navratri 2022 : कब है अष्टमी-नवमी? किस दिन रखें व्रत? कब होगा हवन?
Shardiya Navratri 2022: इस वक्त पूरे देश में शारदीय नवरात्र की धूम है। मां की आस्था और भक्ति में नहाए भक्त कहीं पर गरबा कर रहे हैं तो कहीं दुर्गासप्तशति के पाठ हो रहे हैं। कहीं देवी जागरण हो रहा है तो कहीं पर पंडाल सजाए गए हैं लेकिन इसी बीच एक बात को लेकर भक्तों में कन्फ्यूजन पैदा हो गया है और वो ये कि आखिर अष्टमी और नवमी कब है? किस दिन उपवास रखा जाएगा?
दरअसल नवरात्र में अष्टमी और नवमी का काफी महत्व होता है। इन दिनों अधिकांश लोग व्रत रखते हैं, जो नौ दिन का उपवास नहीं रखते हैं, वो प्रथम और आखिरी दिन व्रत रखते हैं, जिसे कि चढ़ती-उतरती कहा जाता है। अष्टमी और नवमी के दिन लोग कन्यापूजन भी करते हैं तो वहीं कुछ लोग नवरात्र में अष्टमी और नवमी दोनों दिन का व्रत रखते हैं।
अष्टमी और नवमी को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन
लेकिन इस बार अष्टमी और नवमी की तिथि को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन हो गया है क्योंकि इस बार अष्टमी तिथि की शुरुआत 02 अक्टूबर, रविवार को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर हो रही है ,जो कि 03 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी और उसके बाद नवमी लग जाएगी , इसलिए लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि उपवास कब रहे?
उपवास भक्त की आस्था का निर्भर करता है
अब चूंकि अष्टमी रविवार शाम से लग रही है इसलिए जातक के लिए बेहतर होगा कि वो अष्टमी का व्रत सोमवार को ही करे लेकिन व्रत या उपवास भक्त की आस्था का निर्भर करता है इसलिए बेहतर होगा कि वो ही निर्णय लें कि किस दिन उपवास करना है।
महाअष्टमी
- अष्टमी प्रारंभ: 02 अक्टूबर, दिन रविवार शाम 06 बजकर 47 मिनट
- अष्टमी अंत: 03 अक्टूबर, दिन सोमवार शाम 04 बजकर 37 मिनट
- अभिजित मुहूर्त- 11:46 AM से 12:34 PM
- गोधूलि मुहूर्त- 05:53 PM से 06:17 PM
महानवमी
- नवमी प्रारंभ: 03 अक्टूबर दिन ,सोमवार को शाम 04 बजकर 37 मिनट
- नवमी अंत: 04 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट
- हवन मुहूर्त - 06 : 21 AM - 02: 20 PM
- व्रत का पारण - 02 बजकर 20 मिनट के बाद कभी भी
- महाअष्टमी मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
- महानवमी मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
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