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Hariyali Teej 2020: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है व्रत

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इसे श्रावणी तीज या कजली तीज भी कहा जाता है। हरियाली तीज राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश में बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। यह मुख्यत: महिलाओं का त्योहार है। राजस्थान, मध्यप्रदेश में इसे सिंजारा तीज के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन नवविवाहित महिलाओं के लिए मायके से सिंजारा भेजा जाता है। इस वर्ष हरियाली तीज 23 जुलाई 2020, गुरुवार को आ रही है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस दिन महिलाएं हाथ-पैरों में मेहंदी लगाकर, नई चूड़ियां और चुनरी की साड़ी खरीदती हैं और अपनी सखियों के साथ झूला झूलती हैं।

कैसे करते हैं हरियाली तीज की पूजा

कैसे करते हैं हरियाली तीज की पूजा

इस दिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करके बालू रेत से शिव-पार्वती की प्रतिमा बनाकर विधिवत पूजन करें। मां पार्वती को सुहाग की सारी सामग्री अर्पित करें। भगवान शिव को बेल, धतूरा आदि से पूजन कर मिष्ठान्न् का भोग लगाएं। इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनें। महिलाएं यह व्रत सुहाग की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से करती हैं।

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मेहंदी और झूले का खास महत्व

मेहंदी और झूले का खास महत्व

हरियाली तीज के दिन मेहंदी का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेंहदी रचाई थी। मां पार्वती की हथेली में रची मेंहदी को देखकर भगवान शिव बेहद प्रसन्न् हुए। इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत करके मां पार्वती और भोलेनाथ से अटल सुहाग की कामना करती हैं। श्रावणी तीज के दिन झूले झूलने की भी परंपरा रही है। कहा जाता है इस दिन झूला जरूर झूलना चाहिए। इससे सारे पाप झड़ जाते हैं।

 पर्व की पौराणिक मान्यता

पर्व की पौराणिक मान्यता

हरियाली तीज के संबंध में कहा जाता है कि इस दिन सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद माता पार्वती भगवान शिव से मिल पाई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने 107 बार जन्म लिया, फिर भी वे उन्हें पा ना सकी। उन्होंने 108वीं बार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया और शिव को पति रूप में पाने के लिए पुन: तप प्रारंभ किया। इस बार श्रावण शुक्ल तृतीया के दिन उनके तप का फल मिला और शिव जी को पति के रूप में प्राप्त किया। इस दिन जो महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करती है उनकी जोड़ी को लंबी आयु का वरदान शिवजी से प्राप्त होता है।

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English summary
Hariyali Teej is an important Hindu fasting observed by Hindu women and is dedicated to Goddess Parvati in North India.here is Date, Puja Vidhi and Importance of Hariyali Teej.
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