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हिमालय के रक्तवन में 'संजीवनी' की तलाश में निकली पतंजली और निम की संयुक्त टीम, जानिए क्या होगा फायदा

हिमालय के रक्तवन में निम और पंतजली की संयुक्त टीम रवाना

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देहरादून, 13 सितंबर। हिमालय के रक्तवन में औषधीय जड़ी बूटी की तलाश में निम, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और पतंजली आयुर्वेद की संयुक्त टीम रवाना हो गई है। ये संयुक्त टीम हिमालय के दुर्गम और भौगोलिक औषधीय सर्वेक्षण करेगी। जो कि गंगोत्री हिमालय के रक्तवन में आरोहण से शुरूआत करेगी। पहली बार कोई टीम रक्तवन का आरोहण करने जा रही है। 42 साल बाद रक्तवन ग्लेशियर में लगभग 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित अनाम और अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण करेगी। इस संयुक्त टीम का नेतृत्व आयुर्वेद योगपीठ के कुलपति आचार्य बालकृष्ण व निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट करेंगे।

uttarakhand uttarakashi joint team Patanjali and Nim search of Sanjeevani Raktvan Himalayas

गंगोत्री के लिए रवाना
हिमालय में दुर्गम तथा भौगोलिक औषधियों का सर्वेक्षण करने के लिए संयुक्त अन्वेषण अभियान दल निम और पतंजली आयुर्वेद की संयुक्त टीम के सभी सदस्य गंगोत्री के लिए रवाना हो गए हैं। जहां से भोजवासा होते हुए रक्तवन में बेस कैंप लगेगा। इसके बाद अभियान अपने मिशन पर आगे बढ़ेगा। जिसमें भारतीय पर्वतारोहण संस्थान भी अपना सहयोग करेगा। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पंपतंजली ने योग और आयुर्वेद से हटकर एक और साहस का कदम उठाया है। जिसके तहत गंगोत्री के रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र में पर्वतारोहण और खोज, अभियान चलाकर वनस्पति, प्राकृतिक स्वरूप और आरोहण की नई संभावनाएं तलाशी जाएंगी। जिन चोटियों और दुर्लभ वनस्पतियों से भारत को लाभ हो सकता है, उस दिशा में ये एक नया कदम है। इन क्षेत्रों में जो भी पेड़.पौधे और जड़ी बूटियां उपलब्ध हैं, उनका डेटा तैयार कर उनके औषधीय गुणों पर शोध किया जाएगा।

42 साल बाद रक्तवन ग्लेशियर में आरोहण करेगी

निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि इससे पहले इस क्षेत्र में 1981 में ज्वाइंट इंडो फ्रेंच एक्सप्लोरेशन टीम ने अन्वेषण का कार्य किया, लेकिन टीम रक्तवन के आरोहण में असफल रही और श्यामण ग्लेशियर से ही नीचे उतर गई। हालांकि टीम ने कुछ नई चोटियों जैसे चतुर्वंशी, श्यामण आदि चोटियों की खोज की। कहा कि इस बार टीम 42 साल बाद रक्तवन ग्लेशियर में लगभग 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित अनाम और अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण कर शोध का कार्य करेगी। उन्होंने कहा की अभियान सफल रहा, तो भारतीय जड़ी.बूटी शोध के क्षेत्र में पतंजली के लिए यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा। इस संयुक्त अभियान में संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के अलावा संस्थान के दो पर्वतारोहण प्रशिक्षक दीप शाही, विनोद गुसांई और आईएमएफ के प्रतिनिधि बिहारी सिंह राणा भी शामिल होंगे। अभियान में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के कुलपति आचार्य बालकृष्ण समेत कुल 10 सदस्यीय टीम रहेगी।

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, भारत के प्रमुख पर्वतारोहण संस्थानों में से एक
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना 14 नवंबर 1965 को हुई थी। इसका नामकरण पहाड़ों के खासे शौकीन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर किया गया। यह भारत के प्रमुख पर्वतारोहण संस्थानों में से एक है, जिसने एशिया भर में अपनी पहचान बनाई है। निम में देश का एक मात्र इंडोर स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग सेंटर है। नवंबर 2019 में इस इंडोर का निर्माण शुरू हुआ था। इसके अलावा संस्थान में देश की पहली 15 मीटर ऊंची इंडोर स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग आर्टिफिशियल वॉल भी है। जहां प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण लेते हैं।

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English summary
uttarakhand uttarakashi joint team Patanjali and Nim search of Sanjeevani Raktvan Himalayas
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