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Tikamgarh: देश की पहली नदी-तालाब जोड़ो नहर भी बह गई, ब्लैक लिस्टेड कंपनी सारथी कंस्ट्रक्शन ने ही बनाई थी

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सागर, 18 अगस्त। धार जिले में कारम डैम में घटिया निर्माण और डैम फटने के बाद ग्वालियर की जिस सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी को सरकार ने ब्लैक लिस्टेट किया है, उसके कारनामे, घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की बानगी बुंदेलखंड में भी दिख रही हैं। टीकमगढ़ जिले में 41 करोड़ रुपए से तैयार की गई नदी जोड़ो परियोजना की पहली नहर जिसे हरपुरा नहर के नाम से जाना जाता है, वह भी बह गई। बीते सालों में यह कई जगह से फट चुकी है और किसानों की फसल और खेत तक खराब हो गए हैं।

टीकमगढ़ की हरपुरा नहर भी ढह गई, ब्लैक लिस्टेड ने ही बनाई थी

टीकमगढ़ की हरपुरा नहर प्रदेश कि पहली नहर थी, जिसे नदी-तालाब जोड़ो योजना के तहत बनाया गया था। इस नहर से एमपी और यूपी के कई तालाबों को जीवनदान मिलना था। यह नहर बीते दिनों एक बार फिर फट गई है। टीकमगढ़ से यूपी इलाके तक में कई जगह से डैमेज होने के बाद नहर का पानी सीधे खेतों में जा रहा है। मिट्रटी और गंदगी व पानी के सैलाब से कई किसानों के खेत की मिट्टी तक बह गई है। इस नहर की कहानी इसलिए बताई जा रही है, क्योंकि इस महत्वकांक्षी नहर का निर्माण सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ही किया था, जिसने धार जिले में ऐसा घटिया कारम डैम बनाया था, जो पहली बारिश के दौरान ही फट गया था। सरकार ने इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।

नहर इतनी घटिया बनी थी टेस्टिंग में ही फेल हो गई थी
सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने हरपुरा नहर इतनी मजबूत बनाई थी कि पहली टेस्टिंग में ही फेल हो गई थी। हरपुरा नहर को बनाने में 41 करोड़ 33 लाख लागत आई थी। यह देश की पहली नदी-तालाब जोड़ो परियोजना के तहत बनाई गई थी। नहर एमपी-यूपी के बीच जामनी नदी में बनाई गई थी। टीकमगढ़ जिले के जामनी नदी के पानी को इस नहर के माध्यम से 11 तालाबों तक पहुंचाया जाना था। पहली बार जब नहर में नदी से पानी छोड़ा गया तो सिर्फ चार तालाबों में ही पानी पहुंचा था। नहर बनाने में तकनीकि बिंदुओं को सिरे से नजरअंदाज किया गया था। इसे कई जगह लेवल के विपरीत ऊंची-नीची कर दिया गया था। सबसे अहम बात इस नहर से 1980 हेक्टेयर रकबे को सिंचाई का लाभ मिलना था, वहीं एक हजार साल पुराने ऐतिहासिक चंदेलकाॅलीन तालाबों को भी नया जीवनदान मिलना था।

English summary
The exploits of the Sarathi Construction Company of Gwalior, which has been blacklisted by the government after the shoddy construction and dam burst in Karam Dam in Dhar district, are visible in Bundelkhand as well. In Tikamgarh district, the first canal of river interlinking project, which is known as Harpura canal, built with a cost of Rs 41 crore, also got washed away. It has erupted in many places over the years.
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