अनूठी मिसालः लोहगड़ियों ने समाज के घायल व्यक्ति के लिए अस्पताल के पास लगाई चौपाल, जुटाई ऑपरेशन की राशि
सागर, 1 सितम्बर। मप्र के सागर में लोगड़िया समाज ने अपनों की मदद का अनोखा उदाहरण पेश किया है। सड़क हादसे में घायल हुए समाज के एक व्यक्ति को बचाने पूरे जिले का लोगड़िया समाज एकजुट हो गया। किसी ने 100 किसी ने 500 तो किसी ने हजार रुपए जमा कर आपरेशन के लिए अस्पताल के खर्च की राशि जुटाई है । बुरे वक्त में समाज का इस तरह का सहयोग देख न सिर्फ मुसीबत से जूझ रहे घायल लोगड़िया का परिवार बल्कि इंसानियत मुस्कुरा उठी।
सिर में गंभीर चोट है और आपरेशन करना जरुरी
जानकारी अनुसार मालथौन निवासी रमेश पिता लालाराम लोगड़िया (40) रविवार को बड़ी देवरी गया था। रात में वापस लौटते वक्त सड़क हादसे में घायल हो गया। उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए सागर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला की सिर में गंभीर चोट है और आपरेशन करना जरुरी है। लेकिन रमेश के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह आपरेशन का खर्च उठा सके। अस्पताल के खर्च सुनकर घायल की पत्नी मेहम बाई लोगड़िया की उम्मीद टूटने लगी। लेकिन तभी सागर जिले का लोगड़िया समाज मदद के लिए आ गया।
सड़क किनारे चौपाल लगाई, चादर बिछाया और राशि एकत्रित हो गई
अस्पताल के पास समाज के लोगों ने एक साथ बैठकर लोगड़िया समाज के परिवार की मदद की जिम्मेदारी उठाई। बैठक में तय हुआ कि सभी को रमेश के इलाज में मदद करनी हैं। मदद के लिए किसी तरह की बाध्यता नहीं है, जिसकी जितनी इच्छा उतनी अार्थिक मदद कर सकता है। फिर क्या था देखते ही देखते आपरेशन के लिए रुपए जमा हो गए। किसी ने 100 किसी ने 500 तो किसी ने अपनी हैसियत के मुताबिक एक हजार की मदद की। समाज के सहयोग से जमा हुई राशि अस्पताल में आपरेशन के लिए जमा करा दी गई। इससे बुरे वक्त में न सिर्फ दुखी परिवार को संबल मिला, बल्कि इस तरह की सहयोग की भावना से इंसानियत भी मुस्कुरा उठी।
करीब ढ़ाई सौ लोग चौपाल में हुए जमा थे
लोगड़िया समाज के लिए मुखियाओं ने बताया कि हमारी समाज में आपसी तानाबाना इतना मजबूत होता है कि सुख और दुख में पूरा समाज साथ होता है। कल रात को जैसे ही खबर लगी कि हमारे बीच एक व्यक्ति को मदद की जरुरत है तो पूरा समाज आगे आ गया। बिना बुलाबे का सुबह होते ही अस्पताल में मालथौन, राहतगढ़, गढ़ाकोटा, देवरी सहित अन्य तहसीलों से करीब 250 लोग जमा हो गए और सभी के सहयोग से करीब 80 हजार रुपए जुटाकर आपरेशन के लिए जमा कर दिए गए।
इलाज का खर्च बहुत है, अब शासन से मदद की गुहार
दुर्घटना में घायल हुए रमेश की पत्नी मेहम बाई का कहना है कि समाज के सहयोग से मेरे पति का इलाज तो शुरू हो गया हैए लेकिन आगे इलाज कराने के लिए हमारी हैसियत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग लोहा पीटकर चंद रुपए कमाकर परिवार चलाते हैं। इतनी बचत नहीं कर पाते ही इलाज पर हजारों रुपए खर्च कर सकें। उन्होंने शासन से इलाज के लिए राशि स्वीकृत कराने की अपील की है।