पीएम मोदी सऊदी अरब में, क्यों अहम है भारत के लिए उनका दौरा
रियाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब पहुंच चुके हैं। अमेरिका से होते हुए पीएम यहां पहुंचे है और उनका दौरा तीन अप्रैल को खत्म हो रहा है।
आतंकवाद की लड़ाई में काफी अहम
भारत के लिए सऊदी अरब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में काफी महत्वपूर्ण साथी साबित हो सकता है। पीएम मोदी के सऊदी अरब में पहुंचने से पहले अमेरिका और सऊदी अरब ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन बड़े फाइनेंसर्स को बैन कर दिया है।
यह कदम काफी भारत के लिए एक राहत की खबर जैसा है क्योंकि लश्कर भारत में कई आतंकी साजिशों को अंजाम देने की कोशिशों में लगा हुआ है।
सऊदी के राजकुमार से होगी पीएम मोदी की मुलाकात
सऊदी अरब पहले भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का करीबी रहा है। इस देश में कई आतंकी संगठनों के ऑपरेटिव्स भारत में हिंसा और हमलों को अंजाम देने के लिए शरण ले लेते हैं।
26/11 हमलों के बाद सऊदी अरब ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की ओर से बने दबाव की वजह से अपने यहां छिपे आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करना शुरू किया।
आईएसआईएस के खिलाफ करेगा मदद
अब जबकि पीएम मोदी सऊदी अरब में हैं तो इस बात की पूरी उम्मीद है कि दोनों देश आतंकवाद और आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में सहयोग पर राजी हो सकते हैं। भारत इस समय कई युवाओं के इस संगठन की ओर बढ़ते झुकाव की समस्या से जूझ रहा है।
कई युवा सऊदी अरब में मौजूद तत्वों के संपर्क में हैं। सऊदी अरब के पाकिस्तान के साथ बहुत करीबी संबंध है। ऐसे में भारत, पाकिस्तान आधारित आतंकी समूहों द्वारा किये जाने वाले हमलों का मुद्दा भी उठा सकता है।
लश्कर के चार फाइनेंसर्स पर लगा बैन
आर्थिक लिहाज से अहम
सऊदी अरब दुनिया के सबसे बड़ा तेल उत्पादक देशों में से एक है और पिछले दो दशकों में इस देश के साथ रिश्ते काफी बदले हैं।
पीएम मोदी के इस दौरे से ऊर्जा संबंधों पर आधारित ये रिश्ते एक कदम आगे बढ़कर ज्वाइंट वेंचर्स रिफाइनरीज और ऑयल सेक्टर में निवेश की ओर विकसित करने की कोशिशें होंगी।
पीएम मोदी इसके लिए भारतीय कंपनियों की भागीदारी को और गहरा करने का प्रयास कर सकते हैं। कच्चे तेल के दामों में कमी के कारण सउदी अरब की अर्थव्यवस्था पिछले दिनों मंदी के दौर से गुजर रही है।
ISIS के खिलाफ सऊदी अरब की अगुवाई में मुस्लिम देशों की सेना
भारत में था एक दिन का शोक
पीएम मोदी भले ही अपने पहले दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे हों लेकिन सऊदी अरब के साथ रिश्तों में गर्माहट की एक झलक वर्ष 2015 में देखने को मिल गई थी।
सऊदी अरब के छठें सुल्तान अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज के निधन पर भारत ने एक दिन का शोक घोषित किया था। उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी को रियाद भेजा गया था।
उस कदम से कई लोग काफी हैरान हुए थे लेकिन मोदी सरकार ने साफ कर दिया था इस देश के साथ रिश्तों को और करीब लाने की यह सिर्फ एक शुरुआत है।