दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद मृत्यु दर रोकने के लिए कई कदम उठाए गए: अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में बीते कुछ दिनों से अचानक कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में तेजी देखने को मिली है। इसके पीछे की वजह बढ़ता प्रदूषण, त्योहारी सीजन के कारण बाजारों में भीड़ और बदलते मौसम को बताया जा रहा है। इस बीच दिल्ली सरकार ने कहा है कि बेशक यहां संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है लेकिन मृत्यु दर नियंत्रण में है। दिल्ली सरकार के अनुसार, कोरोना के कारण बड़े शहरों में प्रति दस लाख जनसंख्या पर होने वाली मौत के मामले में दिल्ली 17वें स्थान पर है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि कोरोना से होने वाली मौत के मामले में दिल्ली बाकी मेट्रो शहरों से पीछे है।
यहां प्रति दस लाख जनसंख्या पर जितनी मौत हुई हैं, वो सब मुंबई, चेन्नई, कोलकत्ता और बेंगलुरू से कम हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि उनकी सरकार ने बढ़ते मामलों के बीच मृत्यु दर रोकने के लिए कदम उठाए हैं। गुरुवार को उन्होंने अपने आवास पर स्वास्थ्य मंत्री, अधिकारियों और सभी जिलों के डीएम के साथ समीक्षा बैठक की है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एहतियातन सरकारी अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने को कहा है। आंकड़ों के जरिए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रति दस लाख जनसंख्या पर मुंबई में 831, चेन्नई में 518, कोलकत्ता में 503, बेंगलूरू में 408 मरीजों की मौत हुई है। वहीं दिल्ली में 338 मरीजों की मौत हुई है।
कोरोना से होने वाली मौत कम करने के लिए क्या उपाय किए गए-
दिल्ली सरकार ने बड़े स्तर पर कोरोना वायरस की जांच कराई है। राजधानी के 2 करोड़ लोगों में से 48.8 लाख लोगों की जांच हुई है। अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई गई। इसके साथ ही मरीजों के लिए आईसीयू और ऑक्सीजन बेड में भी इजाफा किया गया। संक्रमित मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की संख्या बढ़ाई गई और प्लाजमा थेरेपी भी दी गई है। लोगों को कोरोना लक्षण और इसकी जांच को लेकर जागरुक किया गया। इसके लिए दिल्ली में बड़े स्तर पर जागरुकता अभियान चलाए गए।
दिवाली
पर
दिल्ली
सरकार
का
बड़ा
फैसला,
7
से
30
नवंबर
तक
सभी
तरह
के
पटाखे
बैन