गुलाम नबी आजाद बोले, जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र नाम की कोई भी चीज नहीं है
जम्मू। जम्मू कश्मीर के छह दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने दावा किया कि कश्मीर और कश्मीरियों में निराशा और तनाव है। उन्होंने कहा कि कि केवल सत्ता पक्ष के 100-200 लोगों को छोड़कर कोई भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने से खुश नहीं है। आजाद ने जम्मू में वार्ता के दौरान कहा कि प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा है। प्रदेश में लोकतंत्र नाम की कोई भी चीज नहीं है।
आजाद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि, यह जम्मू और कश्मीर में मेरा छठा दिन है ... कश्मीर घाटी के लोगों के साथ- साथ जम्मू के लोग भी निराश हैं। सत्ता पक्ष के 100-200 लोगों के अलावा, कोई भी खुश नहीं है। दुकानदारों और ट्रांसपोर्टरों सहित छोटे व्यवसायी सभी निराश हैं। प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा है। प्रदेश में लोकतंत्र नाम की कोई भी चीज नहीं है।
कांग्रेस नेता ने आगे दावा किया कि लोग प्रशासन से डरते हैं। जब कानून बदल गया, तो लोकतंत्र भी यहाँ समाप्त हो गया ... अभिव्यक्ति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आंदोलन समाप्त हो गया है। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि कश्मीर में हालात बद से बदतर हैं। जम्मू-कश्मीर के हालात पर सर्वोच्च न्यायालय में कोई रिपोर्ट देने पर दिल्ली जाकर फैसला लिया जाएगा। कश्मीर के दौरे के दौरान मुझे स्थानीय प्रशासन ने 10 फीसदी स्थानों पर ही जाने की अनुमति दी। आजाद घाटी के चार दिन के दौरे के बाद मंगलवार को जम्मू पहुंचे थे।
अनुच्छेद 370 के हटने के करीब पौने दो माह बाद आजाद को सर्वोच्च न्यायालय से छह दिन के दौरे की अनुमति मिली है। इससे पहले उन्होंने तीन बार जम्मू-कश्मीर में आने की कोशिश की, लेकिन एयरपोर्ट से उन्हें दिल्ली लौटा दिया गया। विपक्षी नेताओं पर पाबंदियों पर आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में किसी को अपनी बात रखने की इजाजत नहीं है। आजाद ने शाम को पार्टी कैडर के अलावा अन्य लोगों से बातचीत की।
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