हिमाचल प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

सीएम वीरभद्र सिंह ने छेड़े बगावती सुर, टूट की कगार पर हिमाचल कांग्रेस

Google Oneindia News

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू के बीच चल रही अनबन के बीच अब वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस आलाकमान को भी अपने निशाने पर ले लिया है। राहुल गांधी से खासे नाराज चल रहे सीएम अब तो सार्वजनिक मंचों से भी कांग्रेस की बखिया उधेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वीरभद्र सिंह लगातार अपने बागी तेवर से चर्चा में हैं।

सीएम वीरभद्र सिंह ने छेड़े बगावती सुर, टूट की कगार पर हिमाचल कांग्रेस

दरअसल, कांग्रेस आलाकमान ने सीएम की बात को अनसुना कर सुक्खू की पीठ थपथपाई तो वीरभद्र सिंह ने भी पार्टी नेताओं को पार्टी के संविधान की याद दिलाते हुये कह दिया कि कांग्रेस अब वो नहीं जो पहले थी। अब की पार्टी तो रास्ते से भटक चुकी है। निरमंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (ए.आई.सी.सी.) के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस समिति (पी.सी.सी.) को अपनी सोच व कार्यकारिणी में परिवर्तन लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी सदस्य को प्राथमिकता देनी है तो उसे खंड स्तर से लेकर जिला कांग्रेस समिति तक पार्टी के लिए की गई समर्पित सेवाओं के आधार पर ही चयनित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी मर्जी से किसी को चयनित करने से पार्टी के गौरवमयी इतिहास व संस्कृति को नुकसान हो रहा है।

सीएम वीरभद्र सिंह ने छेड़े बगावती सुर, टूट की कगार पर हिमाचल कांग्रेस

वीरभद्र सिंह ने कहा कि पार्टी में नॉमिनेशन कल्चर को मिल रहे बढ़ावे से पार्टी को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में चार बार चयनित हुए तथा चुनावों से पूर्व पुन: कांग्रेस हाईकमान द्वारा नामित किए गए, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस में पार्टी के आदर्श तथा संविधान को भुलाया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि खंड स्तर से लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यकारी समितियों तक सदस्यों को पहले चुना जाता था लेकिन अब पार्टी इस पथ से भटक रही है। यहां तक कि खंड कांग्रेस सदस्यों को भी प्रदेश कांग्रेस समिति कार्यालय द्वारा नामित किया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वालों की मेहनत से बनाई गई एक राष्ट्रीय पार्टी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को पार्टी में प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि युवा ही हैं जो प्रदेश व देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।

वीरभद्र सिंह को पार्टी की रीति निति का अहसास यूं ही नहीं हुआ। पिछले कई दिनों से वह पार्टी आलाकमान से मौजूदा अध्यक्ष सुक्खू को हटाकर उनकी जगह नई नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन वीरभद्र सिंह की शर्त मानने को पार्टी तैयार नहीं है,तो सीएम भी पीछे हटने को राजी नहीं हैं। जिससे पार्टी टूट के कगार पर पहुंचती दिखाई दे रही है। सुक्खू को हटाने की जिद पर अड़े सीएम वीरभद्र सिंह पीछे हटने को तैयार नहीं।

वीरभद्र सिंह के तेवरों को देखते हुए आने वाले चुनावों में लगता नहीं कांग्रेस के चुनावी अभियान को नुक्सान पहुंचने का खतरा पैदा हो गया है। भले ही कांग्रेस आलाकमान सुक्खू की पीठ थपाथपा दे,लेकिन प्रदेश के राजनैतिक हालात ऐसे नहीं हैं कि सुक्खू अपने दम पर किसी भी प्रत्याशी को चुनाव भी जितवा पायें। उन्हें खुद अपना चुनाव ही जीतना मुशिकल हो जायेगा। वीरभद्र सिंह ने अगर बगावत कर दी तो वह अंदखाते अपने समर्थकों को निर्दलीय चुनाव लड़वा सकते हैं। उस सूरत में कांग्रेस ही नहीं भाजपा के भी समीकरण गड़बड़ा जायेंगे।

दरअसल, पार्टी प्रभारी सुशील कुमार शिन्दे ने जब कांगड़ा में साफ कर दिया कि इस समय सुक्खू को उनके पद से हटाया नहीं जायेगा। लेकिन वीरभद्र ने साफ कर दिया कि वह आसानी से हार मानने वालों में नहीं हैं। न ही वह अपनी शर्त से पीछे हटेंगे। उन्होंने कहा कि जब मैं पीसीसी अध्यक्ष था तो सुखविंदर सिंह सुक्खू स्कूल में पढ़ते थे। अपने आगे सुक्खू को बच्चा बता कर वीरभद्र सिंह ने फिर कहा कि सुक्खू के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता।

English summary
Himachal CM expresses angry over top Congress leaders
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X