US Special Forces: अमेरिका की वो स्पेशल फोर्स जिन्होंने किया कई देशों में आतंकियों का सफाया
अमेरिका की स्पेशल फोर्स ने दुनिया के सामने कई बार अपनी ताकत और काबिलियत को साबित किया है। इस बार इस्लामिक स्टेट के आतंकी बिलाल अल-सुदानी को फोर्स ने मार गिराया है।
US Special Forces: अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बीते दिनों दुनिया को बताया कि 25 जनवरी को एक विशेष अभियान के तहत उत्तरी सोमालिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के आतंकी लीडर बिलाल अल-सुदानी समेत 10 अन्य आतंकियों को मार गिराया गया है। वहीं इस ऑपरेशन में किसी भी आम नागरिक को कोई हानि नहीं हुई है।
रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि 25 जनवरी को राष्ट्रपति के आदेश के बाद अमेरिकी सेना ने यह ऑपरेशन चलाया। अल-सुदानी पिछले कई सालों से अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के राडार पर था। दरअसल बिलाल अल-सुदानी, अफ्रीका में आईएस के साथ-साथ अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन आईएसआईएस-के (ISIS-K) को वित्तीय मदद करने में अहम भूमिका निभा रहा था।
वैसे अमेरिका के कई स्पेशल फोर्सेज हैं लेकिन उसके दो स्पेशल फोर्सेज दुनियाभर में आतंकी और खतरनाक ऑपरेशन के लिए मशहूर हैं। जिनका नाम है अमेरिकी आर्मी की डेल्टा फोर्स और अमेरिकी नेवी सील्स।
US आर्मी की 'डेल्टा विंग'
ABC News की एक रिपोर्ट के मुताबिक 26 अक्टूबर 2019 को अमेरिकी सेना के डेल्टा फोर्स ने ISIS के चीफ अबूबकर अल बगदादी को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। दरअसल, खबरों के अनुसार जब बगदादी ने अपने आप को सुंरग के भीतर डेल्टा फोर्स से घिरा पाया तो उसने खुद को बम से उड़ा लिया था।
डेल्टा फोर्स अमेरिकी सेना की एक स्पेशल यूनिट है, जिसे काफी हद तक सार्वजनिक होने से छुपा कर रखा जाता है। यह तकनीकी रूप से अमेरिकी सेना की एक टुकड़ी है। जिसके इतिहास का कुछ हिस्सा सार्वजनिक रिकॉर्ड में मिलता है। दुनियाभर में खतरनाक और मुश्किल ऑपेरशनों को अंजाम देने के लिए साल 1977 में डेल्टा फोर्स का गठन किया गया था।
डेल्टा फोर्स का गठन 70 के दशक में राजनीतिक हिंसा के बढ़ते खतरे को देखते हुए किया गया था। यह वही दौर था, जब वाशिंगटन ने यूरोप और मध्य पूर्व के देशों में आतंक को एक प्रमुख समस्या के रूप में देखा। वहीं साल 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के दौरान हुए फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा इजरायली टीम के सभी सदस्यों को मार दिया गया था। इसके बाद पूरे यूरोपीय महाद्वीप में आतंक का डर फैल गया था, जिसकी वजह से अमेरिकी सेना के एक कर्नल चार्ली बेकविथ ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के सामने डेल्टा फोर्स बनाने का प्रस्ताव रखा था।
साल 1979 के बाद से डेल्टा फोर्स के बारे में आधिकारिक जानकारी अपडेट नहीं की गई है। लेखक सीन नयलर ने 'नॉट ए गुड डे टू डाई: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ऑपरेशन एनाकोंडा' की किताब के मुताबिक डेल्टा फोर्स के एक यूनिट में लगभग 1,000 उच्च तकनीक से प्रशिक्षित सैनिक हैं।
US नेवी की 'सील फोर्स'
यह अमेरिकी नेवी की स्पेशल फोर्स टीम है। जिसका नाम 'सील टीम सिक्स' है। इसी के स्पेशल कमांडो ने ही बीते दिन सोमालिया में आतंकवाद विरोधी मिशन में आईएसआईएस के सोमालिया प्रमुख बिलाल अल-सुदानी समेत उसके 10 आतंकियों को मार गिराया हैं। सील फोर्स ने 2 मई 2011 को दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में उसके घर में घुसकर मार गिराया था। आपको बता दें कि इस अमेरिकी नेवी सील के कमांडोज को दुनिया का सबसे खतरनाक फोर्स माना जाता है।
1 जनवरी 1962 में यूनाइटेड नेवी सील की स्थापना की गई थी। दरअसल जब अमेरिका ने जापान पर परमाणु हमला किया था। तभी से अपनी सुरक्षा को लेकर अमेरिकी सरकार में हड़कंप मचा था। इसलिए 1962 में एक ऐसे फोर्स का गठन किया गया जो समुद्र, हवा और जमीन तीनों जगहों पर युद्ध करने में पारंगत हो। वह किसी भी हाल में हार ना माने। सील कमांडो की ट्रेनिंग इतनी खतरनाक होती है कि कई लोग ट्रेनिंग के बीच में छोड़कर चले जाते हैं। वहीं बहुतों की ट्रेनिंग के दौरान मौत भी हो जाती है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में अमेरिकी नेवी सील कमांडों के लिए 210 छात्रों ने दाखिला लिया था, लेकिन हेल वीक यानि ट्रेनिंग के तीसरे हफ्ते, तक 189 छात्रों ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, जिनमें ज्यादातर गंभीर रूप से चोटिल हो गये थे। हालांकि, अमेरिकी नेवी सील कमांडों के बारे में भी ज्यादा आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
ISIS के खिलाफ अमेरिका की जंग
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएस सेंट्रल कमांड के अनुसार साल 2022 में अमेरिकी सेना और उनके सहयोगियों ने इराक और सीरिया में लगभग 700 इस्लामिक स्टेट के आंतकियों को मौत के घाट उतार दिया है। जिसमें इस संगठन के कई बड़े नेता भी शामिल थे। वहीं दूसरी ओर 'द न्यूयार्क टाइम्स' की रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ कि (ISIS) के एक सीनियर लीडर बिलाल अल-सुदानी को मारने के ऑपरेशन से पहले अमेरिकी सेना के स्पेशल फोर्स ने अल-सुदानी जिस पहाड़ी गुफा परिसर में रहता है, उसी तरह का दिखने वाला पहाड़ी गुफा परिसर 'मॉक-अप' बनाकर पूरा अभ्यास किया गया था। जैसे नेवी की 'SEAL Team Six' ने पाकिस्तान में साल 2011 में ओसामा बिन लादेन को मारने से पहले किया था।
वहीं रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि सोमालिया के इस बेहद संवेदनशील इलाकों में 'SEAL Team Six' की मौजूदगी पहले भी रही है। यहां ये स्पेशल फोर्स आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन कर चुकी है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद नेवी की 'सील टीम 6' ने ही इस ऑपरेशन को अंजाम दिया होगा।
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