अरुण जेटली से मिलना चाहते थे सायरस मिस्त्री, उन्होंने किया मना
सरकार ने फैसला किया है कि वह अभी टाटा ग्रुप के इस विवाद से दूर ही रहेगी। अरुण जेटली वित्त मंत्री होने के साथ-साथ कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के प्रमुख भी हैं।
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए गए सायरस मिस्त्री ने इस मामले पर बात करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करनी चाहिए, लेकिन सरकार ने फैसला किया है कि वह अभी टाटा ग्रुप के इस विवाद से दूर ही रहेगी। आपको बता दें कि अरुण जेटली वित्त मंत्री होने के साथ-साथ कॉरपोरेट अफेयर्स के मंत्रालय के प्रमुख भी हैं।
सायरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के पहले ऐसे चेयरमैन थे, जो टाटा परिवार से नहीं थे। पिछले महीने ही उन्हें टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटा दिया गया है। इसके बाद अब वह अरुण जेटली से मुलाकात करके अपना पक्ष उनके सामने रखना चाहते थे।
रतन टाटा बोले- टाटा ग्रुप की साख बनाए रखने के लिए सायरस मिस्त्री को हटाया जाना जरूरी था
लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह फैसला किया है कि अभी वह किसी का भी पक्ष नहीं सुनेंगे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार सरकार टाटा ग्रुप के इस विवाद से दूर रहना चाहती है।
इस बात की भी खबरें आ रही थीं कि रतन टाटा ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा नहीं है। रतन टाटा ने अभी तक किसी से भी मिलने की कोई कोशिश नहीं की है।
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सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मंत्री न तो रतन टाटा और न ही सायरस मिस्त्री का पक्ष सुनना चाहते हैं, जब तक कि यह मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल या फिर किसी अन्य न्यायिक संस्था तक नहीं पहुंच जाता, क्योंकि तब यह एक कानूनी लड़ाई होगी, जिसमें सरकार कोई भूमिका अदा नहीं करेगी।
सरकार किसी भी पार्टी का पक्ष लेकर लोगों में कोई संदेश नहीं भेजना चाहती है। हालांकि, राज्य वित्त मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार टाटा-मिस्त्री विवाद पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
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इसके अलावा सेबी और अन्य एजेंसियां भी इस मुद्दे को लगातार देख रही हैं, लेकिन अभी तक इसे लेकर कॉरपोरेट अफेयर्स के मंत्रालय को किसी भी प्रकार की सूचना या रिपोर्ट नहीं दी गई है। आपको बता दें कि मेघवाल कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के इन-चार्ज भी हैं।