लॉकडाउन: पिता के शव को उठाने के लिए नहीं मिले चार कंधे, ठेले पर लादकर श्मशान पहुंचा बेटा
बस्ती। कोरोना वायरस का डर पूरे देश में फैला है, लोग लॉकडाउन में अपने घरों से निकलने से कतरा रहे हैं। खौफ इतना है कि किसी की मौत पर कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं मिल रहे है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में देखने को मिला। यहां 85 वर्षीय पूर्णमासी की सोमवार को मौत हो गई थी। पूर्णमासी के शव को बिना कंधा दिए, ठेले पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। दरअसल, पूर्णमासी के बेटे को इस बात का डर था कि कहीं ज्यादा लोग साथ निकले तो पुलिस कार्रवाई न कर दे।
एनबीटी की खबर के मुताबिक, मामला बस्ती जिले के कोतवाली इलाके के पिकरा दत्तू राय मोहल्ले का है। जहां शव को बिना कंधा दिए, ठेले पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। दाह संस्कार करके लौटे मृतक के बेटे श्यामलाल ने बताया कि सुबह घर से फोन आया कि पिता पूर्णमासी की मृत्यु हो चुकी है। यह सुनकर जब घर पहुंचे तो वहां मोहल्ले के लोगों ने कहा कि लॉकडाउन के कारण अंतिम संस्कार के लिए पुलिस से पूछना पड़ेगा। थाने जाने पर बताया गया कि एसडीएम की परमिशन के बाद लाश का अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
साथ ही पुलिस ने श्यामलाल को इस बात की भी हिदायत दी कि लाश को किसी वाहन पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ेगा। अगर वाहन की व्यवस्था नहीं है तो एक मीटर की दूरी बनाकर शव का अंतिम संस्कार करने ले जा सकते हैं। श्यामलाल ने बताया कि चार पहिया वाहन की व्यवस्था नहीं कर पाए। इस वजह से शव को ठेले पर रखकर 3 लोग अंतिम संस्कार के लिए ले गए। हालांकि, कुछ देर बाद मोहल्ले के लोग भी अंतिम संस्कार के लिए श्मशान पहुंचे।
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