नाबालिग देवर के साथ फरार हो गई 45 साल की विवाहिता
एसपी ने इस मामले की जांच का जिम्मा थाना चौपटा को सौंपा। 4 साल की जांच के बाद पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला। इसके बाद लड़की के पिता ने एक बार फिर पुलिस के उच्चाधिकारियों से ससुराल वालों पर केस दर्ज कर जांच करवाई। चौपटा पुलिस ने एक जनवरी 2010 में सुसराल वालों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करके फिर से जांच शुरू की।
एक साल तक जांच करने बाद यह बात सामने आई की विवाहिता को न तो मारा गया है न ही बेचा गया है। लेकिन जांच में जो पता चला वह हैरान करने वाला था। 45 वर्षीय सरस्वती अपने रिश्तेदारी में देवर लगने वाले 17 साल के नाबालिग देवर राम निवास के साथ प्रेम प्रसंग के कारण फरार हो गई थी। लेकिन अब दोनों कहां है इसका कोई अता पता नहीं हैं।
पति से खुश नहीं थी सरस्वती
राजस्थान के गांव पदमपुरा निवासी जुगलाल ने अपनी बेटी सरस्वती की शादी 1982 को गांव ढूकड़ा निवासी भानीराम से कर दी थी। शादी के 18 साल गुजर जाने के बाद भी सरस्वती को कोई संतान नहीं हुई। कारण था उसके पति का भोलापन। जिसके कारण वह उससे खुश नहीं थी। इसी बीच सरस्वती को अपने देवर रामनिवास जोकि जोड़कियां गांव का रहने वाला था से प्यार हो गया।
दोनों ने जून 2006 में घर से भाग गए। सरस्वती के पिता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई की उसकी बेटी की हत्या ससुराल वालों ने कर दी या फिर किसी के हाथों बेच दी है। एक वर्ष तक मामले की गहनता से जांच करने वाले जमाल चौकी के एएसआई नरेंद्र सिंह ने अपनी रिपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों को सौंप दी।
जांच में पाया गया कि ससुराल वानों ने सरस्वती को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जबकि वह खुद अपनी मर्जी से देवर के साथ घर से भाग गई। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सरस्वती अपने पति से असंतुष्ट थी जिसके कारण उसने अपने देवर के साथ नजदीकीयां बढ़ाई। दोनों के बीच उम्र का फासला भी अधिक होने के बावजूद उनमें प्यार हो गया। दोनों को पुलिस ने काफी तलाश किया लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी।