पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने कांग्रेस में टूट के दिए संकेत तो पूर्व सीएम हरीश रावत ने कही बड़ी बात
पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने कांग्रेस में टूट के दिए संकेत तो पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा को दी चुनौती
देहरादून, 28 अक्टूबर। उत्तराखंड के पूर्व सीएम और भाजपा नेता विजय बहुगुणा के देहरादून पहुंचते ही सियासी पारा फिर से चढ़ने लगा है। विजय बहुगुणा के एक बयान ने कांग्रेसियों की नींद उड़ाने का काम किया है। जिसमें विजय बहुगुणा ने कांग्रेस में टूट के संकेत दिए है। इसके लिए उन्होंने 15 दिन का समय बताया है। साथ ही विजय बहुगुणा ने खुद देहरादून में रहकर पुराने कांग्रेसियों को लेकर डेमेज कंट्रोल का मोर्चा संभाला हुआ है।
15
दिन
का
मांगा
है
समय
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
की
कांग्रेस
सरकार
को
गिराने
और
कांग्रेस
में
बगावत
के
सूत्रधार
रहे
पूर्व
सीएम
विजय
बहुगुणा
के
अचानक
देहरादून
पहुंचने
और
कांग्रेस
को
लेकर
बयान
देने
से
राजनीतिक
गलियारों
में
नई
बहस
छिड़ी
हुई
है।
बीते
दिनों
में
भाजपा
छोड़कर
कांग्रेस
में
जाने
के
नामों
को
लेकर
चर्चा
चल
रही
थी,
जो
कि
अब
कांग्रेस
के
अंदरखाने
भी
शुरू
हो
गई
है।
इस
बार
कांग्रेस
से
भाजपा
में
जाने
वालों
के
संभावित
नामों
पर
चर्चा
तेज
हो
गई
है।
जिसमें
कांग्रेस
के
दिग्गज
नेताओं
और
पूर्व
विधायकों
के
नाम
लिए
जा
रहे
हैं।
जो
कि
कभी
बहुगुणा
खेमे
के
करीबी
माने
जाते
रहे
हैं।
खुद
विजय
बहुगुणा
ने
संकेत
दिए
कि
15
दिन
में
कांग्रेस
के
हाल
बदल
जाएंगे।
विजय
बहुगुणा
के
बयानों
को
कोई
भी
नेता
हल्के
में
नहीं
ले
रहे
हैं।
विजय
बहुगुणा
2016
में
अपनी
ताकत
का
एहसास
करा
चुके
हैं।
अब
एक
बार
फिर
विजय
बहुगुणा
किसी
बड़ी
राजनीतिक
बदलाव
की
पटकथा
लिखने
के
लिए
देहरादून
आए
हैं।
हरीश
रावत
बोले
मंत्री
पद
के
लिए
बना
रहे
दबाव
पूर्व
सीएम
विजय
बहुगुणा
के
देहरादून
आने
के
बाद
कांग्रेस
में
भी
हलचल
देखी
जा
रही
है।
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
ने
सोशल
मीडिया
पर
पोस्ट
करते
हुए
कहा
कि
एक
ऐसे
राजनैतिक
व्यक्ति
देहरादून
आये
जिन्हें
यदि
मौसमी
कहा
जाए
तो
कोई
अतिशयोक्ति
नहीं
होगी
और
जो
दल-बदलूओं
के
घोषित
सरदामोर
भी
हैं।
उनके
आगमन
के
बाद
एक
बात
निश्चित
हो
गई
है,
अब
भाजपा
में
दो
वरिष्ठतम
विधायकों
के
साथ
अन्याय
होना
सुनिश्चित
है।
हरबंस
कपूर
और
चंदन
राम
दास
जो
रिक्त
पड़ा
मंत्री
पद
है,
वो
इन
दोनों
में
से
एक
को
नवाजा
जाना
निश्चित
था,
अब
दबाव
सहयोगी
दल-बदलू
के
लिए
बढ़
गया
है।
अब
या
तो
दल
बदलू
ही
मंत्री
बनेंगे
या
मंत्री
कोई
भी
नहीं
बनेगा।
भाजपा
के
लोगों
मैंने
आपसे
कहा
था
न
कि
आज
तो
हम
रो
रहे
हैं
और
आने
वाले
समय
में
आप
लोग
रोओगे
और
ऐसा
ही
होने
जा
रहा
है।
हरीश
रावत
ने
विजय
बहुगुणा
के
देहरादून
आने
के
पीछे
डेमेज
कंट्रोल
और
सरकार
में
पुराने
कांग्रेसी
रहे
विधायक
को
मंत्री
पद
देने
की
अफवाहों
को
हवा
देने
का
काम
किया
है।
हरीश
रावत
के
इस
बयान
को
भाजपा
के
अंदर
चल
रही
खींचतान
से
भी
जोड़ा
जा
रहा
है।
दलबदल
को
हरदा
ने
फिर
दी
हवा
विजय
बहुगुणा
के
देहरादून
में
पुराने
कांग्रेसियों
को
एकजुट
करने
की
कोशिश
के
बीच
हरीश
रावत
ने
एक
बार
फिर
दलबदल
को
लेकर
हवा
दी
है।
हरीश
रावत
ने
दलबदल
को
लेकर
पोस्ट
किया
है।
भाजपा से बड़ी संख्या में हो सकने वाले दलबदल की चर्चाओं के बीच मैंने बड़ी गहराई से मंथन किया कि यशपाल आर्य का फिर से कांग्रेस में आना कांग्रेस के हित में कितना है और राज्य के हित में कितना है। हरीश रावत ने कहा कि दोनों हितों में राज्य हित और कांग्रेस हित में स्पष्ट संतुलन है। उन्होंने कहा कि आर्य की घर वापसी में उत्तराखंड राज्य का हित है। आर्य एक अनुभवी व अच्छे प्रशासक हैं। हरीश रावत ने कहा कि भाजपा में विद्यमान दो से एक बल्द यानि पुराने कांग्रेसी भी अच्छे मंत्री व अच्छे प्रशासक हैं। यदि ये धामी मंत्रिमंडल में न रह जाएं, तो मंत्रीमंडल आभा विहीन बनकर रह जाएगा, हम सबके लिए राज्य हित सर्वोपरि है। हम निश्चय ही राज्य व पार्टी हित में संतुलन बनाकर निर्णय लेंगे। जहां पार्टी को आवश्यकता होगी वहीं किसी अन्य दल से आने वाले व्यक्ति को स्थान दिया जायेगा, मगर स्थान दिये जाने से पहले राज्य हित में भी उसकी उपयोगिता का आकलन किया जाएगा।
साफ है कि हरीश रावत ने एक बार फिर पुराने कांग्रेसियों जिसमें हरक सिंह रावत का नाम सबसे पहले लिया जा रहा है, के कांग्रेस में वापसी के संकेत दिए हैं।