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जानिए उस सीट के बारे में, जहां से जीत मायावती बनीं पहली दलित सीएम

पिछले 10 सालों से सहारनपुर से किसी भी महिला को विधायक बनने का मौका नहीं दिया गया है। वर्ष 1996 और 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती हरोड़ा विधानसभा सीट से जीती थी और विधायक बनी थीं।

By Arvind Kumar
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सहारनपुर। विश्वभर में लकड़ी नक्कासी और इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम के चलते विख्यात सहारनपुर जिला यूपी की राजनीति में अहम रोल अदा करता है। गौरतलब है कि यहां से जीत दर्ज कर मायावती मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। लेकिन, पिछले 10 सालो से यहां से किसी भी महिला को विधायक बनने का मौका नहीं दिया गया है। ऐसे में आज राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। खबर है कि यहां पर राजनीतिक दल महिलाओं पर कम ही भरोसा जता रहे हैं। ये भी पढ़ें: पंजाब में बोलीं माया- कांग्रेस और भाजपा की है आंतरिक मिलीभगत, आरक्षण खत्म करने की हो रही साजिश

सहारनपुर: जानिए उस सीट के बारे में, जहां से जीत मायावती बनीं पहली दलित सीएम

मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले चुनावी परिदृश्य पर नजर डाले तो दस सालों से सहारनपुर जनपद की किसी भी सीट पर कोई भी महिला विधायक नहीं बनी है। इसके बाद अब तक प्रमुख राजनीतिक दलों के जो संभावित प्रत्याशी नजर आ रहे हैं, उनमें सपा को छोड़कर अन्य किसी भी दल ने महिला प्रत्याशी पर भरोसा नहीं जताया है।

राजनीतिक दलों पर महिला प्रत्याशियों पर कितना भरोसा है। इसका जीता जागता प्रमाण यूपी विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है। हाल ही में सपा द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची रामपुर मनिहारान सीट से बिमला राकेश को मौका दिया गया है। इसके अलावा बसपा सुप्रीमो ने जो सूची जारी की है, उस सूची में किसी भी महिला प्रत्याशी का नाम नहीं है। कांग्रेस और भाजपा की सूची में भी किसी महिला प्रत्याशी का नाम नहीं है।

बता दें कि वर्ष 1996 और 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती यहां की हरोड़ा विधानसभा सीट से जीती थी और विधायक बनी थी। बाद में मायावती ने इस सीट से त्यागपत्र दे दिया था और 2003 में इस सीट पर उप-चुनाव संपन्न कराया गया। 2003 के उप-चुनााव में सपा की बिमला राकेश ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद नागल विधानसभा सीट पर 2005 में हुए उप-चुनाव में पूर्व विधायक इलम सिंह की पत्नी सत्तो देवी ने जीत दर्ज की थी।

वहीं, वर्ष 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में देवबंद सीट से भाजपा प्रत्याशी शशिबाला पुंडीर और हरोड़ा सीट से सपा प्रत्याशी के रुप में बिमला राकेश ने चुनाव लड़ा था। लेकिन, यह दोनों ही महिलाएं जीत दर्ज नहीं कर सकी। वर्ष 2007 और 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी महिला प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं करवा पाई है। 6 महीने पहले देवबंद विधानसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में सपा ने महिला प्रत्याशी मीना राणा को मैदान में उतारा था, लेकिन वे भी जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हो पाई।

सहारनपुर जनपद में विधायक बनी महिलाएं
1996 में मायावती बसपा से, हरोड़ा सीट
2002 में मायावती बसपा से, हरोड़ा सीट
2003 में बिमला राकेश सपा से, हरोड़ा सीट
2005 में सत्तो देवी बसपा से, नागल सीट। ये भी पढे़ं: मायावती बोलीं मौका पाते ही दलितों और आदिवासियों का आरक्षण खत्‍म कर देगी भाजपा

English summary
saharanpur no women candidate selected for up election in uttar pradesh.
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