पत्नी ने दी है करियर बर्बाद करने की धमकी! दिल्ली कोर्ट ने लगाई रोक- शिखर धवन को बदनाम ना करें आयशा
शिखर धवन ने ही ये कोर्ट में पत्नी के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें दावा किया गया था कि उनकी अलग रह रही पत्नी उनका करियर बर्बाद करने की धमकी दे रही है और उन्हें बदनाम कर रही है।
शिखर धवन और आयशा की लव स्टोरी को एक परफेक्ट कहानी माना जाता था। धवन उन पर लट्टू थे और आयशा भी उनके साथ का लुत्फ उठाती थीं। दोनों ने सोशल मीडिया पर खूब बढ़िया कमेस्ट्री भी शेयर की लेकिन पर्दे की पीछे की हकीकत की भनक तक किसी को नहीं लगी क्या हो रहा है। अब दोनों अलग हो चुके हैं और शायद एक दूसरे को लेकर बिल्कुल भी सहज नहीं हैं। ये शमी और उनकी पत्नी जैसा हाल है लेकिन एक बात अच्छी ये रही कि धवन और आयशा ने सरेआम एक दूसरे पर कीचड़ नहीं उछाला। अब तो कानून ने भी आयशा के हाथ बांध दिए हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शिखर धवन की पत्नी को भारतीय क्रिकेटर के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाने से रोक दिया है।
क्रिकेटर की प्रतिष्ठा धूमिल ना करें
आमतौर पर ऐसे केस में पत्नी क्रिकेटर पति पर आरोप लगाकर सनसनी बटोर लेती है। लेकिन फैमिली कोर्ट ने धवन की अलग रह रही पत्नी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक आयशा मुखर्जी को सोशल मीडिया पर धवन के खिलाफ कुछ भी अपमानजनक पोस्ट नहीं करने या ऐसा कुछ भी बोलने से रोकने का निर्देश दिया, जिससे क्रिकेटर की प्रतिष्ठा धूमिल हो।
करियर बर्बाद करने की धमकी दे रही हैं
असल ने धवन ने ही कोर्ट में याचिका लगाई थी कि आयशा उनका करियर बर्बाद करने की धमकी दे रही है। धवन द्वारा मुखर्जी के खिलाफ दायर याचिका में दावा किया गया था कि उनकी अलग रह रही पत्नी उन्हें अपना करियर बर्बाद करने की धमकी दे रही थी। धवन ने तो ये भी बताया कि आयशा ने दिल्ली कैपिटल्स के मालिक धीरज मल्होत्रा ऐसे मैसेज भेजे जो क्रिकेटर को बदनाम करते हों।
जाहिर है धवन के लिए ये शादी इतनी ही कड़वी है जितनी शमी के लिए हसीन जहां से। अलग रहने के बाद भी रिश्तों में जबरदस्त कड़वाहट है और कोर्ट को आकर आयशा को निर्देश देना पड़ा। इस शादी से धवन का एक बेटा है जो इस समय ऑस्ट्रेलिया में मुखर्जी के ही पास है।
'अगर वास्तव में दिक्कत है शिकायत दर्ज कराओ'
भले ही कोर्ट ने आयशा को रोक दिया हो लेकिन अगर केवल आयशा का मकसद क्रिकेटर को बदनाम करना हो तो ही ये निर्देश काम करेगा। क्योंकि न्यायाधीश हरीश कुमार ने कहा कि अगर मुखर्जी को धवन के खिलाफ "वास्तविक" शिकायतें हैं, तो उन्हें संबंधित प्राधिकरण के साथ दर्ज करने से नहीं रोका जा सकता है। लेकिन पहले ये शिकायतें सही प्राधिकरण में दर्ज करानी होंगी ना कि पहले ही धवन के दोस्तों, रिश्तेदारों और बाकी पार्टियों को उजागर की जाएं।
कोर्ट ने निष्कर्ष में कहा
कोर्ट ने निष्कर्ष में कहा, "इन परिस्थितियों में, आयशा को अगले आदेश तक धवन के खिलाफ अपनी किसी भी शिकायत या इसमें शामिल विवाद के अपने वर्जन को सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, मित्रों, रिश्तेदारों या पार्टियों के सहयोगियों या किसी अन्य मंच पर प्रसारित करने से रोक दिया जाता है।"
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