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मिलिए पीएम मोदी के एक ऐसे दोस्‍त से जिन्‍होंने सीमा पार की हैं कई सर्जिकल स्‍ट्राइक्‍स

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जेरूसलम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पहुंचे और उनके दोस्‍त इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू ने गर्मजोशी से उनका स्‍वागत किया। तीन दिनों में पीएम मोदी और नेतन्‍याहू के बीच एक अलग केमेस्‍ट्री देखने को मिल रही है। पूरे दौरे में मोदी जहां-जहां जा रहे हैं उनके दोस्‍त उनके साथ हैं। नेतन्‍याहू ने पीएम मोदी के स्‍वागत से पहले ट्वीट कर कहा था, 'अगले हफ्ते भारतीय प्रधानमंत्री, मेरे दोस्‍त, नरेंद्र मोदी इजरायल आएंगे।' जब पीएम मोदी इजरायल पहुंचे तो एक बार फिर बीबी ने हाथ जोड़कर उनका स्‍वागत किया। क्‍या आप जानते हैं कि पीएम मोदी का यह दोस्‍त कई सर्जिकल स्‍ट्राइक और कमांडो ऑपरेशंस का हिस्‍सा रह चुका है। अगर नहीं तो फिर पढ़‍िए यह रिपोर्ट।

तेल अवीव में हुआ जन्‍म

तेल अवीव में हुआ जन्‍म

बेंजामिन नेतन्‍याहू को इजरायल में लोग बीबी कहकर बुलाते हैं। उनका जन्‍म 21 अक्‍टूबर 1949 को तेल अवीव में हुआ था। सन् 1963 में उनका परिवार अमेरिका चला गया। यहां पर उनके पिता बेंनजियॉन जो कि एक इतिहासकार थे, उन्‍हें कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की ओर से प्रोफेसर की पोस्‍ट ऑफर हुई।

वापस लौटे इजरायल

वापस लौटे इजरायल

18 वर्ष की उम्र में सन् 1967 में हाई स्‍कूल से ग्रेजुएट होने के बाद नेतन्‍याहू अमेरिका से इजरायल वापस आ गए और यहां पर वह इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) का हिस्‍सा बन गए। ट्रेनिंग के बाद उन्‍हें आईडीएफ की स्‍पेशल कमांडो फोर्सेज सैराइट मटकल में शामिल किया गया। वह एक कमांडो थे और पांच वर्ष तक इसका हिस्‍सा रहे। 1967 से 1970 तक चले में अरब संघर्ष में कई सर्जिकल स्‍ट्राइक का हिस्‍सा बने और कई बार उन्‍होंने यूनिट को लीड किया।

कई मिशन को किया लीड

कई मिशन को किया लीड

बीबी कई और मिशन का भी हिस्‍सा रहे जिसमें 1968 में हुआ ऑपरेशन इनफेर्नो और मई 1972 में सबेना फ्लाइट 571 का रेस्‍क्‍यू मिशन भी शामिल है। इस रेस्‍क्‍यू मिशन में तो उन्‍हें कंधे पर गोली भी लगी थी। नेतन्‍याहू कमांडो यूनिट के कैप्‍टन थे। साल 1973 में वह मिडिल ईस्‍ट वॉर में अपने देश के लिए लड़े।

वापस लौटे अमेरिका

वापस लौटे अमेरिका

मिलिट्री सर्विस खत्‍म होने के बाद बीबी वापस अमेरिका आ गए और यहां पर उन्‍होंने मेसाच्‍यूसेट्स इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (एमआईटी) से बैचलर और मास्‍टर्स डिग्री हासिल की। वर्ष 1976 नेतन्‍याहू के भाई योनातन चार जुलाई 1976 को युगांडा के एंतेबे एयरपोर्ट पर चलाए गए ऑपरेशन एंतेबे का हिस्‍सा थे। इस ऑपरेशन में पीएम ने अपने बड़े भाई को गंवा दिया था। उनकी मौत का नेतन्‍याहू फैमिली पर खासा असर हुआ और योनातन का नाम पूरे इजरायल में लीजेंड के तौर पर लिया जाने लगा।

बनाया एक एंटी-टेररिस्‍म इंस्‍टीट्यूट

बनाया एक एंटी-टेररिस्‍म इंस्‍टीट्यूट

पीएम नेतन्‍याहू ने अपने भाई की याद में एक एंटी-टेररिज्‍म इंस्‍टीट्यूट भी खोला। इसके बाद अमेरिका में इजरायल के राजदूत और अगले विदेश मंत्री मोशे अरेंन्‍स की नजरों में आए। वर्ष 1982 में अरेंस ने बेंजामिन को अपना डिप्‍टी बनाया और उन्‍हें वॉशिंगटन बुला लिया। यहां से उनके राजनीति करियर की शुरुआत हुई।

अमेरिका का चेहरा बने नेतन्‍याहू

अमेरिका का चेहरा बने नेतन्‍याहू

अमेरिकी एक्‍सेन्‍ट के साथ अंग्रेजी बोलने वाले नेतन्‍याहू धीरे-धीरे अमेरिकी टेलीविजन का हिस्‍सा बन गए और उन्‍होंने इजरायल की आवाज उठानी शुरू की। वर्ष 1984 में उन्‍हें यूनाइटेड नेशंस के हेडक्‍वार्टर में इजरायल का स्‍थायी प्रतिनिधि नियुक्‍त कर दिया गया।

1988 में घरेलू राजनीति में सक्रिय

1988 में घरेलू राजनीति में सक्रिय

नेतन्‍याहू वर्ष 1988 में इजरायल वापस लौटे और फिर घरेलू राजनीति का हिस्‍सा बन गए। उन्‍होंने चुनावों में क्‍नेस्‍सेट संसदीय सीट जीत और देश के उप-विदेश मंत्री बनें। उन्‍होंने खुद को राजनीतिक पार्टी लिकुड के पूर्व नेताओं के काफी करीब रखा। जब वर्ष 1992 में पार्टी को चुनावों में हार मिली तो उन्‍हें इसका चेयरमैन बना दिया गया। 1996 में वह पहली बार सीधे तौर पर चुनाव जीतकर देश के पीएम बने। उन्‍होंने शिमॉन पेरेस को चुनावों में हराया था।

सबसे युवा पीएम

सबसे युवा पीएम

नेतन्‍याहू के पास इजरायल के सबसे युवा पीएम होने का रिकॉर्ड। साथ ही वह देश के पहले ऐसे पीएम भी थे जिनका जन्‍म वर्ष 1948 में इजरायल के गठन के बाद हुआ था।

जब बदलना चाहा था अपना नाम

जब बदलना चाहा था अपना नाम

नेतन्‍याहू ने 70 के दशक में अपना नाम बदलने के बारे में सोचा था। वह अपना नाम बदलकर बेन निते करना चाहते थे। इसकी वजह थी उनका अमेरिका में रहना और उन्‍हें लगता था कि अमेरिकियों के लिए यह नाम पुकारना ज्‍यादा आसान होगा।

कम खाते हैं बीबी

कम खाते हैं बीबी

कुछ वर्षों पहले ही उन्‍होंने अपनी डाइट बदली है और अब वह काफी कम मीट खाने लगे हैं। ऐसा उन्‍होंने एक किताब 'सैपियन्‍स' के पढ़ने के बाद किया। इस किताब में मानवता का इतिहास दिया हुआ है और इसे युवाल नोह हरारी ने लिखा है।

पीएम के तौर पर चौथा कार्यकाल

पीएम के तौर पर चौथा कार्यकाल

1996 के बाद वह 2009 से 2013 तक पीएम के पद पर रहे और यह उनका दूसरा कार्यकाल था। वर्ष 1977 के बाद इजरायल के लिए यह पहला मौका था जब किसी पीएम ने अपना कार्यकाल पूरा किया हो। इसके बाद 2013 से 2015 तक पीएम बने और अब बतौर पीएम यह उनका चौथा कार्यकाल है।

तीन शादियां और तीन बच्‍चे

तीन शादियां और तीन बच्‍चे

नेतन्‍याहू ने तीन शादियां की हैं। उनकी पहली शादी मरियम वाइजमान के साथ हुई। इस शादी से उनकी एक बेटी है और अब वह इस बेटी की वजह से नाना भी हैं। इसके बाद उन्‍होंने फ्लूअर कैट्स से शादी की। फिलहाल उनकी पत्‍नी सारा बेन अरत्‍जी हैं और इस शादी से उनके दो बेटे याइर और अवनेर हैं।

English summary
Interesting facts of Prime Minister Narendra Modi's new friend Israeli PM Benjamin Netanyahu or Bibi.
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