अधर में लटक गया ऋषि सुनक के PM बनने का सपना! लिज ट्रस को 32 पॉइंट की बढ़त
गवर्निंग कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के एक नए सर्वेक्षण से पता चला है कि बोरिस जॉनसन के नए उत्तराधिकारी बनने की रेस में विदेश सचिव लिज़ ट्रस प्रतिद्वंद्वी ऋषि सनक से काफी आगे चल रही हैं।
लंदन,17
अगस्त
:
ब्रिटेन
के
प्रधानमंत्री
बनने
की
रेस
में
भारतीय
मूल
के
ऋषि
सुनक,ब्रिटिश
विदेश
सचिव
लिज़
ट्रस
से
पिछड़ते
जा
रहे
हैं।
कंजर्वेटिव
होम
वेबसाइट
द्वारा
यूके
टोरी
सदस्यों
के
ताजा
सर्वेक्षण
में
लिज़
ट्रस
ऋषि
सुनक
के
मुकाबले
32
अंकों
की
बढ़त
बना
ली
है।
इससे
ट्रस
बोरिस
जॉनसन
के
उत्तराधिकारी
बनने
की
रेस
में
काफी
आगे
निकल
चुकी
हैं।
अगर
यह
सर्वेक्षण
सही
है
तो
ऋषि
को
ब्रिटेन
के
पीएम
की
रेस
में
बने
रहने
के
लिए
काफी
संघर्ष
करना
पड़
सकता
है।
ऋषि सुनक लिज़ ट्रस से पिछड़ गए
गवर्निंग कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के एक नए सर्वेक्षण से पता चला है कि बोरिस जॉनसन के नए उत्तराधिकारी बनने की रेस में विदेश सचिव लिज़ ट्रस प्रतिद्वंद्वी ऋषि सनक से काफी आगे चल रही हैं। कंजर्वेटिवहोम वेबसाइट ने टोरी सदस्यों का सर्वेक्षण जो 5 सितंबर से 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभालने के लिए एक नए नेता का चुनाव करेंगे, जारी किया।
लिज को सुनक से अधिक समर्थन मिला
प्रभावशाली वेबसाइट द्वारा मतदान किए गए टोरी के 961 सदस्यों में से लगभग 60 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने ट्रस को कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता बनने का समर्थन किया है। जबकि सिर्फ 28 फीसदी सांसदों ने सुनक का समर्थन किया। कंजर्वेटिव होम ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। यह परिणाम 4 अगस्त को टोरी सदस्यों के पिछले कंजर्वेटिवहोम पोल के समान है, जब ट्रस ने 32 अंकों की बढ़त बनाए हुए थीं।
लिज पीएम पद की रेस में आगे
चुनावों और सर्वेक्षणों से पता चलता है कि, लिज़ ट्रस सुनक के मुकाबले बढ़त बनाए हुए हैं। अब सुनक के लिए पीएम बनने की राह में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं लिज़ ट्रस ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनने की रेस में लोगों की सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बनकर उभरी हैं। चुनाव का परिणाम 5 सितंबर को आने वाला है, जब यह तय हो जाएगा कि, बोरिस जॉनसन का उत्तराधिकारी कौन होगा। 5 सिंतबर को फैसला हो जाएगा कि ब्रिटेन का प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस होंगी या भारतवंशी ऋषि सुनक।
5 सितंबर को पता चल जाएगा कौन होगा जॉनसन का उत्तराधिकारी
कंजर्वेटिवहोम ने पाया कि सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से सिर्फ 9% अनिर्णीत हैं। कुछ 60 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने पहले ही मतदान कर दिया है, जबकि 40 फीसदी ने नहीं किया है। हालांकि टोरी सदस्यों का सर्वेक्षण करना बेहद मुश्किल है, कंजर्वेटिव होम पोल ने पहले YouGov मतदान के समान परिणाम दिए हैं।
पीएम बनने के लिए दांव चल रहे सुनक
इससे पहले ब्रिटेन के पीएम (Britain PM) पद की दौड़ में पीछे चल रहे ऋषि सनक ने बड़ा दांव चल दिया था। पीएम पद की रेस के बीच उन्होंने 7 साल में इनकम टैक्स में 20 फीसदी कटौती का वादा किया था। इन सबके बीच बेटिंग एक्सचेंज फर्म स्मार्केट्स के सर्वेक्षण में, विदेश सचिव लिज ट्रस के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की संभावना 90 प्रतिशत बढ़ गई थी।
लिज को मिल रहा भरपूर समर्थन
स्मार्केट्स (Smarkets) का सर्वेक्षण बताता है कि,बोरिस जॉनसन के बाद लिज़ ट्रस के कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) के अगले स्थायी सदस्य बनने की संभावना 90.91 प्रतिशत है, जबकि ऋषि सुनक के ब्रिटेन (यूके) के अगले पीएम बनने की संभावना 9.09 प्रतिशत कम हो गई है। ब्रिटेन में पीएम बनने के लिए दावेदारों को 12 राष्ट्रव्यापी आयोजनों के मुकाबले से होकर गुजरना पड़ता है।
ट्रूस का टैक्स कट का वादा
वर्तमान में रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग की वजह से पूरी दुनिया में महंगाई की मार चरम पर है। ब्रिटेन भी इसकी चपेट में है। इन सबके बीच लिज ट्रस के यूके के पीएम बनने की संभावना प्रबल होती दिख रही है। एक ताजा सर्वेक्षण में लिज के पीएम बनने के संभावना 90 फीसदी तक बढ़ गए हैं। वो हर सर्वे और पोल की फेवरेट बनती जा रही हैं।
कौन बनेगा ब्रिटेन का नया पीएम
ऋषि सुनक या फिर लिज ट्रस, कोई भी देश का प्रधानमंत्री बनता है तो उसके समक्ष महंगाई के अलावा चीन के साथ बिगड़ते रिश्तों के साथ-साथ टैक्स कांटों भरी राह खड़ी करने वाला है। ये मुद्दें नए पीएम के लिए कई चुनौतियां पेश करेंगी। लिज ट्रस ने वादा किया है कि, अगर वो पीएम बनती हैं तो सबसे पहले टैक्स में कटौती कर जनता को राहत देने का काम करेंगी। उन्होंने जनता से वादा किया है कि वो इनकम टैक्स में 1.25 फीसदी तक की कटौती करेंगी। साथ ही उन्होंने कॉरपोरेशन टैक्स में इजाफे को वापस लेने का वादा भी कर दिया है। लिज ट्रस कहती हैं कि संकट काल में टैक्स में इजाफा करना नैतिक तौर पर सही नहीं है।
ये भी पढ़ें : गुरदीप सिंह रंधावा जर्मनी में भारतीय समुदाय के पहले प्रतिनिधि के रूप में चुने गए