कौन हैं 70 साल के बूढ़े अफगान सरदार, जिन्होंने खाई तालिबान से एक-एक इंच जगह छीनने की कसम
मोहम्मद इस्माइल खान की उम्र अब 70 साल हो चुकी है, लेकिन उन्होंने अफगानिस्तान के हेरात क्षेत्र में मोर्चा संभाल लिया है और तालिबान को खदेड़ने की कसम खा ली है।
काबुल, जुलाई 31: अफगानिस्तान में तालिबान लगातार मजबूत हो रहा है और करीब 200 जिलों में तालिबान का नियंत्रण स्थापित हो चुका है। ऐसे में तालिबान के 70 साल के एक बुजुर्ग ने तालिबान की नाक में दम कर दिया है। शरीर बूढ़ा हो चुका है, लेकिन ऊर्जा में कमी नहीं है। 70 साल की उम्र में भी इस बुजुर्ग का जोश-जज्बा और इरादे जवान हैं और इन्होंने खाई है देश से तालिबान को जड़ से उखाड़ने की कसम। आखिर कौन हैं ये बुजुर्ग और अफगानिस्तान की आर्मी भी क्यों इस बुजुर्ग के पीछे-पीछे चल रही है, आईये जानते हैं।
कौन हैं 70 साल के बुजुर्ग?
70 साल के हो चुके इन बुजुर्ग का नाम है मोहम्मद इस्माइल खान, जिन्होंने तालिबान के खिलाफ हाथों में एक-47 उठा लिया है। मोहम्मद इस्माइल खान मुताहिदीन के पूर्व नेता हैं और जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं। मोहम्मद इस्माइल खान ने कसम खाई है कि वो किसी भी हाल में अफगानिस्तान में तालिबान को कब्जा नहीं करने देंगे। मोहम्मद इस्माइल खान की शख्सियत क्या है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि 2001 में जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान पर हमला किया था तो सत्ता पर काबिज तालिबान को हटाने के लिए उस वक्त अमेरिकी सेना को भी इस अफगान सरकार की मदद लेनी पड़ी थी और एक बार फिर से मोहम्मद इस्माइल खान ने हाथों में बंदूक उठा ली है और अफगान सेना भी इस बूढ़े सरदार के पीछे चल पड़ी है।
70 साल के बुजुर्ग की प्रतिज्ञा
मोहम्मद इस्माइल खान की उम्र अब 70 साल हो चुकी है, लेकिन उन्होंने अफगानिस्तान के हेरात क्षेत्र में मोर्चा संभाल लिया है और तालिबान को खदेड़ने की कसम खा ली है। खास बात ये है कि इस्माइल खान के एक इशारे पर उनके साथ हेरात प्रांत के हजारों लोग साथ आ गये हैं। आम आदमी को तो छोड़िए, कभी तालिबान के खिलाफ गुरिल्ला लड़ाई लड़ने वाले इस्माइल खान के युद्ध में कूदने की घोषणा करते ही अफगान आर्मी में भी जोश आ गया है और अफगान आर्मी खुद अब मोहम्मद इस्माइल खान के कदम से कदम मिलाकर चल रही है और तालिबान के खिलाफ ऑपरेशंस को अंजाम दे रही है। मोहम्मद इस्माइल खान ने तालिबान के खिलाफ कसम खाते हुए कहा कि ''हमने मोर्चा संभाल लिया है और अल्लाह की मदद से हम पूरी स्थिति को बदल देंगे''।
हजारों लोगों ने थामा इस्माइल का हाथ
तालिबान के खिलाफ बिगूल फूंकने वाले मोहम्मद इस्माइल खान के साथ हेरात क्षेत्र में हजारों युवाओं ने हाथ में हथियार उठा लिया है और एकसाथ मिलकर इन्होंने तालिबान के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। मोहम्मद इस्माइल खान ने कहा कि वह ईरान के साथ सीमा पार करने सहित पश्चिमी अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण वापस लेने के लिए अफगान बलों के प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं। इस्माइल खान अफगानिस्तान के पूर्व मंत्री रह चुके हैं और 2009 में जब उनके ऊपर तालिबान का हमला हुआ था, तो उन्होंने तालिबान के आतंकियों को अकेली ही मुंहतोड़ जवाब दिया था। इस्माइल खान की मदद से ही 2001 में अमेरिकी सेना को तालिबान को गिराने में कामयाबी मिली थी।
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हेरात से जंग की शुरूआत
तालिबान ने हेरात प्रांत के इस्लाम काला सीमा और तोरघुंडी सीमावर्ती कस्बों, ईरान और तुर्कमेनिस्तान के दो व्यापार गेटवे सहित छह जिलों पर कब्जा कर लिया है। इस्माइल खान ने अपने समर्थकों से कहा कि, "हम जल्द ही हेरात की स्थिति को बदल देंगे और पूरे प्रांत से तालिबान को खदेड़ देंगे।'' इस बीच, तालिबान आतंकवादियों ने फराह प्रांत में ईरान की सीमा से लगे प्रमुख अबू नस्र फराही बंदरगाह पर भी कब्जा कर लिया है, जिसकी पुष्टि प्रांतीय गवर्नर मसूद बख्तावर कर चुके हैं। जिसको लेक मोहम्मद इस्माइल खान ने कहा है कि हेरात के कुछ ही क्षेत्र पर तालिबान का कब्जा है, जो वापस ले लिया जाएगा। हेरात पर हम किसी भी हाल में तालिबान को कब्जा नहीं करने देंगे। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि ''हम हेरात शहर को उन लुटेरे तालिबान से बचाएंगे, जो इस शहर को लूटने के इरादे से आए हैं''। उन्होंने कहा कि हम तालिबान को हेरात पर बुरी नजर नहीं डालने देंगे।
जल्द आजाद होंगे दूसरे प्रांत
वहीं, हेरात प्रांत के सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वो तालिबान पर फिर से हमला करने वाले हैं और हेरात के जिन जिलों पर तालिबान का कब्जा है, उसे छुड़ा लिया जाएगा। हेरात के गवर्नर के प्रवक्ता जिलानी फरहाद ने कहा कि, ''लोगों के साथ मिलकर सुरक्षाबलों ने तालिबान के खिलाफ ऑपरेशन को शुरू कर दिया है और जल्द ही तालिबान को हेरात से बाहर खदेड़ दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस महीने की शुरूआत में तालिबान ने पांच देशों, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है और तालिबान को खदेड़ने के लिए सुरक्षा बल अलग अलग ऑपरेशन चला रही है। वहीं, इस्माइल खान ने कहा कि ''जल्द ही आप हेरात में विद्रोही बलों की मौजूदगी देखेंगे। हेरात से तालिबान को खदेड़ने के बाद हम दूसरे इलाकों की तरफ बढ़ेंगे''।
सरकार पर बरसे इस्माइल खान
सरकार के लिए अफगान आर्मी के साथ लड़ने वाले इस्लाइल खान अफगानिस्तान सरकार से बेहद गुस्सा हैं। उन्होंने कहा कि अफगान सरकार की वजह से ही तालिबान फिर से एक्टिवेट हो पाया है और इतने बड़े क्षेत्र पर कब्जा करने में कामयाब रहा है। उन्होंने कहा कि आर्मी इस देश की रीढ़ की हड्डी है और अफगान आर्मी तालिबान को खदेड़कर दम लेगी। उन्होंने कहा कि ''ध्यान नहीं देने, गलत जानकरी और कुछ दूसरी वजहों से कई जिलों पर तालिबान कब्जा करने में कामयाब रहा है''। इस्माइल खान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश भर से सैकड़ों नागरिकों ने उनसे तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए संपर्क किया और कहा कि वे तालिबान से युद्ध के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया नेटवर्क पर प्रमुख अफगान नेताओं की तस्वीरों और उनके वीडियो की बाढ़ आ गई है। कई सांसदों ने भी हथियार उठा लिए हैं और तालिबान के खिलाफ युद्ध के मैदान में कूद पड़े हैं।
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