भारत की बड़ी जीत, वायुसेना के 'सिंघम' विंग कमांडर अभिनंदन की घर वापसी
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नई दिल्ली। 80 के दशक की फिल्मों में आपने देखा होगा, कि किस तरह से दुश्मन देश बंदूक की नोक पर सैनिक को बंदी बनाकर ले जाता है और उसके साथ क्या-क्या सुलूक करता है। ऐसा मंजर सोच कर किसी की भी रूह कांप जायेगी। जरा सोचिये विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान जब पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एफ-16 का पीछा करने निकले होंगे, तब उन्होंने ऐसे किसी भी मंजर की कल्पना भी की होगी? शायद नहीं, लेकिन हकीकत में ऐसा हुआ। और देखते ही देखते पूरे देश में तनाव का माहौल पैदा हो गया। जरा सोचिए, वर्धमान की बहादुरी के चलते भारत के सैन्य ठिकानों को ध्वस्त करने के पाकिस्तान के सारे मनसूबे नाकामयाब हुए।
भारत में तनाव भरे माहौल में लोगों ने तब राहत की सांस ली, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह ऐलान किया कि कल यानी 1 मार्च को वे विंग कमांडर अभिनंदन को भारत वापस भेज देंगे। वायुसेना के 'सिंघम' विंग कमांडर अभिनंदन की घर वापसी के लिये हर कोई उत्साहित होने के साथ-साथ उनके लिये अब भी दुआएं कर रहा है।
साथी सिंघम कहते हैं
विंग कमांडर के भारत वापस आने की खबर सामने आने के बाद लगातार सोशल मीडिया पर लोग उनके शौर्य की तारीफ कर रहे हैं और उनका स्वागत कर रहे हैं। जिस तरह से उन्होंने देश के अहम मिलिट्री ठिकानों को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई उस पर हमें फक्र है। वैसे उनके दोस्त उन्हें ऐसे ही सिंघम नहीं बुलाते।
बुधवार को बॉर्डर पर हाई अलर्ट था। सुबह करीब 9 बजकर 45 मिनट पर रडार से सिगनल मिला कि कोई विमान भारतीय हवाई सीमा में दाखिल हुआ है। 10 बजे पाकिस्तान के तीन एफ-16 विमान भारतीय सीमा का उल्लंघन करते हुए नौशेरा सेक्टर में दाखिल हुए और बम गिराये। भारतीय वायुसेना तुरंत ऐक्शन में आ गई। विंग कमांडर अभिनंदन ने कहा, "वी आर ऑल सेट" यानी हम पूरी तरह तैयार हैं। और मिग 21 बिसोन्स को लेकर दुश्मन जहाज का पीछा करने निकल गये। यह ऑपरेशन अभिनंदन के लिये जरा भी आसान नहीं था, क्योंकि उनके पास मिग बिसोन था, जबकि पाकिस्तान के पास अत्याधुनिक विमान एफ-16। पाकिस्तान का टार्गेट भारतीय ब्रिगेड के हेडक्वार्टर और सेना के ठिकाने थे। भारतीय वायुसेना ने दुश्मन विमानों का पीछा करने के लिये तीन विमान भेजे। दो मिग 21 और एक सुखोई 30एमकेआई भेजे। एक मिग21 की कमान अभिनंदन के हाथ में थी। जल्द ही उन्होंने एफ-16 को अपनी जद में ले लिया। विंग कमांडर अभिनंदन की जांबाजी के चलते पाकिस्तान के एयरक्राफ्ट अपने निशाने से चूक गए।
अभिनंदन ने उसके बाद भी हार नहीं मानी और पाकिस्तानी विमान का पीछा करते रहे और सरहद पार चले गये। इस दौरान उनका विमान पाकिस्तानी मिराज-3 और चार चीनी फाइटर प्लेन जेएफ-17 थे, जो एफ-16 को सुरक्षा प्रदान कर रहे थे। उसके बावजूद अभिनंदन ने हार नहीं मानी और उन्होंने हवा से हवाा में मार करने वाली आर-73 मिसाइल दाग दी। देखते ही देखते पाकिस्तानी विमान एफ-16 जमीन पर आ गिरा। इस दौरान अभिनंदन के विमान के विंग में आग लग गई। क्योंकि पाकिस्तानी विमान ने उनके मिग पर पीएएफ मिसाइल दाग दी थी। अभिनंदन को विमान से बाहर निकलना पड़ा। लेकिन जब वो जमीन पर आये, तो उन्हें पता चला कि वो लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पर आ गये हैं।
अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए उन्होंने किसी भी तरह से दुश्मनों के सामने हिम्मत नहीं खोई, उन्होंने लोगों की भीड़ में खुद को बचाने के लिए अपनी रिवाल्वर से हवाई फायर किया, अहम दस्तावेज को वह निगल गए, इससे पहले कि यह दस्तावेज दुश्मन के हाथ लगे।
खुफिया जानकारी देने से इनकार
पाकिस्तानी सेना के कब्जे में जाने से पहले अभिनंदन ने अपने पास अहम दस्तावेज पानी में बहा दिए और उसे निगल गए, लेकिन दुश्मन देश के हाथ नहीं लगने दिया। यही नहीं उन्होंने पाक सेना के अधिकारियों को किसी भी तरह की खुफिया जानकारी देने से इनकार कर दिया।
गौर करने वाली बात यह है कि विंग कमांडर ने यह सब ऐसे समय किया जब उनके चेहरे से खून बह रहा था, उन्हें लोगों ने घेर लिया था और उन्हें मारने की धमकी दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने हवा में गोली चलाकर भीड़ को दूर करने की कोशिश की। इसके बाद वह वहां तालाब में कूद गए और अपने पास रखे मैप और दस्तावेज को पानी में बहा दिया, जिससे कि यह दुश्मन के हाथ ना लगे।
साल 2000 में शामिल हुए थे एनडीए में
अभिनंदन 16 वर्ष से वोयुसेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वह वर्ष 2000 में एनडीए में शामिल हुए थे, जिसके बाद 2004 में उन्हें एयरफोर्स में शामिल किया गया था और उन्हें लड़ाकू विमान के पायलट के तौर पर नियुक्त किया गया। मिग 21 से पहले वह सुखोई 30एमकेआई उड़ाते थे। उनके पिता भी एयर मार्शल रह चुके हैं। जबकि विंग कमांडर अभिनंदन की पत्नी भी वायुसेना में स्क्वार्ड्रन लीडर के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं, उन्हें भी उनकी वीरता के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उनके दो बच्चे भी हैं।
पिता रह चुके हैं एयर मार्शल
विंग कमांडर अभिनंदन ने सैनिक वेलफेयर स्कूल, अमरावतीनगर, कोयंबटूर से अपनी पढ़ाई की थी। अभिनंदन अपने पिता एयर मार्शल सिम्हकुट्टी वर्धमान से काफी प्रेरित थे। उनके पिता 1973 में वायुसेना के लड़ाकू विमान के पायलट के तौर पर वायुसेना में शामिल हुए थे। उनके पिता के पास 4000 घंटे तक उड़ान भरने का अनुभव है। अभिनंदन के पिता वेस्टर सेक्टर में वर्ष 2001 में पराक्रम ऑपरेशनस के दौरान सीनियर कमांडेंट थे। विंग कमांडर अभिनंदन की मां एक डॉक्टर हैं. और उन्होंने दुनियाभर में कई सबसे मुश्किल जगहों पर अपनी सेवाएं दी हैं।
वर्ष 2011 में एक डॉक्युमेंट्री में दिखे थे जो टीवी पर प्रसारित हुई थी, जिसमे उनसे जब यह पूछा गया कि आखिर सुखोई -30 का पायलट बनने के लिए क्या करना होता है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था कि इसके लिए आपका नजरिया खराब होना चाहिए, इसी के चलते हम बेहतर बनते हैं, ट्रेनिंग के दौरान हमे इससे होकर गुजरना पड़ता है। विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान हम आपका स्वागत करते हैं, आप सच में भारत के सिंघम हैं।