असम में अवैध अप्रवासियों को बाहर करने की तैयारी में सरकार, बड़ी संख्या में सेना और पुलिस बल तैनात
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नई दिल्ली। असम में जिस तरह से पिछले कुछ समय से तनाव बढ़ा हुआ है उसे देखते हुए पुलिस तमाम संवेदनशील इलाकों की पहचान करके वहां पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कमर कस रही है। नागरिक राष्ट्रीय पंजी के पहले मसौदे के प्रकाशन से पहले पुलिस ने तमाम ऐसे संवेदनशील इलाकों की पहचान की है जहां जरूरत पड़ने पर सेना की मदद ली जा सकती है। आपको बता दें कि 31 दिसंबर तक असम में रह रहे नागरिकों की लिस्ट जारी होगी, ऐसे में जिन लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं होगा उन्हें देश से बाहर करने का प्रक्रिया शुरू होगी, इसी के चलते यहां कई दिनों से हिंसा का माहौल है, लिहाजा 31 दिसंबर से पहले सरकार बड़ी संख्या में यहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर रही है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
85 कंपनियां पहुंची
प्रदेश के महानिदेशक मुकेश सहाय ने एकीकृत कमान की उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने के बाद कहा कि कुछ एनआरसी सेवा केंद्रों के कुछ इलाके काफी संवेदनशील हैं, हम वहां शांति बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की 85 कंपनियां दो जत्थे में पहुंच चुकी हैं, अगर जरूरत पड़ी तो 31 दिसंबर की रात किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सेना की मदद ली जा सकती है।
बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात
असम में तनाव के माहौल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है यहां अबतक कुल 60 हजार पुलिसिकर्मी व पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि इसकी एक बड़ी वजह है यहां अवैध तरीके से रह रहे लोग। असम सरकार ने कहा है कि वैध नागरिकों की लिस्ट जारी करने के बाद अवैध प्रवासियों की पहचान करके उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा। ये अवैध अप्रवासी मुख्य रूप से बांग्लादेश और म्यांमार के लोग हैं।
मुस्लिम नेता कर रहे हैं विरोध
वहीं असम सरकार के इस रुख पर मुस्लिम नेताओं का कहना है कि सरकार उन्हें बेघर करने की साजिश रच रही है, यहां रह रहे लोगों को एक प्रमाण पत्र सरकार की ओर से जारी किया जाता है जिसमे यह कहा जाता है कि उनके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले से रह रहे हैं, लेकिन मुसलमानों को यह प्रमाण पत्र ढूंढने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अवैध अप्रवासियों को किया जाएगा बाहर
असम के वित्त मंत्री और नागरिकता रजिस्टर के इंचार्ज हमेंत विश्व शर्मा के अनुसार एनआरसी लिस्ट अवैध बांग्लादेशियों की पहचान करने के लिए लाया जा रहा है, जिन लोगों का नाम एनआरसी की रजिस्टर में नहीं आएगा उन्हें वापस उनके देश भेजा जाएगा, हम उन्हें बाहर करने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे लिहाजा इसके लिए पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू बांग्लादेशियों को अपने ही देश में जुल्म का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उन्हें केंद्र सरकार की नीति के अनुसार देश में शरण दी जाएगी।
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