Third Front without Congress: 2024 में कांग्रेस की छुट्टी करने में जुटा विपक्ष, तीसरे मोर्चे की तैयारी तेज
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे की कवायद तेज हो गई है. लेकिन इस बार अहम बात यह है कि विपक्ष बिना कांग्रेस के ही तीसरा मोर्चा तैयार करना चाहता है।
Third Front without Congress: अगले साल लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। एक बार फिर से तीसरे मोर्चे की कवायद तेज हो गई है। अहम बात है कि तीसरा मोर्चा इस बार कांग्रेस के बिना तैयार करने की कोशिश हो रही है। तीन अहम दल इसको लेकर राजी भी हो गए हैं कि तीसरा मोर्चा कांग्रेस के बिना होना चाहिए। इन तीनों दलों ने भाजपा और कांग्रसे दोनों से दूरी बनाने का फैसला लिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी से आज कोलकाता में मुलाकात की है। ममता बनर्जी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी अगले हफ्ते मुलाकात करेंगी।
भाजपा की रणनीति का तोड़
दरअसल जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सासंद राहुल गांधी को विपक्ष का चेहरा बता रही है और राहुल गांधी के जरिए तमाम विपक्षी दलों को निशाने पर ले रही है उसको ध्यान में रखते हुए अन्य दल कांग्रेस से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी ने ने जिस तरह से लंदन में अपने भाषण में कहा था कि विपक्ष के नेताओं के माइक्रोफोन सदन में बंद कर दिए जाते हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने देश के लोकतंत्र और मौजूदा सरकार पर काफी तीखा किया था, जिसके बाद भाजपा लगातार राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है। ऐसे में विपक्षी दल अब कांग्रेस से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस बिग बॉस नहीं
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेश में बयान दिया, भाजपा तबतक सदन को चलने नहीं देगी जबतक राहुल गांधी माफी नहीं मांगते हैं। इसका मतलब है कि ये लोग नहीं चाहते हैं कि सदन चले, इसके लिए ये लोग कांग्रेस का इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बने, ताकि इससे भाजपा को मदद मिले। अभी प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन हो इसका चयन करने की जरूरत नहीं है। यह सोचना बिल्कुल गलत है कि विपक्ष का बिग बॉस कांग्रेस है।
अन्य दलों को साथ लाने की कोशिश
टीएमसी सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 23 मार्च को नवीन पटनायक से मुलाकात करेंगी। हम इस बैठक में भाजपा और कांग्रेस से दूरी बनाने पर चर्चा करेंगे, साथ ही अन्य विपक्षी दलों को साथ लाने की कोशिश करेंगे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह तीसरा मोर्चा होगा, बल्कि क्षेत्रीय दलों में यह ताकत है कि वह भाजपा को चुनौती दे सकती हैं। यहां तक कि खुद अखिलेश यादव ने भी इस बात की पुष्टि की है कि हम कांग्रेस और भाजपा दोनों से बराबर की दूरी बनाना चाहते हैं।
भाजपा-कांग्रेस दोनों से दूरी
अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बंगाल में हम ममता दीदी के साथ हैं, अभी हमारा रुख यह है कि हम भाजपा और कांग्रेस से बराबर की दूरी बनाए रखना चाहते हैं। जिन लोगों ने भाजपा की वैक्सीन ली है उन्हें सीबीआई, ईडी या आईटी का डर नहीं है। गौर करने वाली बात है कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ, लालू यादव के परिवार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसा है उसके बाद विपक्ष लगातार भाजपा पर हमलावर हैं।