रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा देश में गोला-बारूद की कोई कमी नहीं, हालात 2013 से बेहतर
जबलपुर।
केंद्रीय
रक्षा
राज्य
मंत्री
सुभाष
भामरे
ने
कहा
है
कि
देश
के
आयुध
में
गोलाबारूद
और
युद्ध
उपकरण
की
कोई
कमी
नहीं
है।
भामरे
नेदेश
में
गोलाबारूद
और
हथियारों
की
कमी
से
जुड़े
सवाल
पर
कहा
कि
स्थिति
वर्ष
2013
के
जैसी
नहीं
है।
यहां
एक
प्रेस
वार्ता
को
संबोधित
करते
हुए
भामरे
ने
कहा
कि
भारत
दुनिया
में
रक्षा
उपकरणों
का
सबसे
बड़ा
आयातक
रहा
है,
लेकिन
देश
को
आत्मनिर्भर
बनाने
के
प्रयास
चल
रहे
हैं।
उन्होंने
कहा,
'प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
देश
को
'मेक
इन
इंडिया'
अभियान
के
माध्यम
से
रक्षा
उत्पादन
में
आत्मनिर्भर
बनना
चाहते
हैं।'
उन्होंने
कहा
कि
स्वदेशी
हथियार
प्रणालियों
को
भी
विकसित
किया
जा
रहा
है,
मंत्री
ने
कहा
कि,
'हम
विदेशी
उत्पादन
से
प्रौद्योगिकी
के
हस्तांतरण
पर
संयुक्त
उत्पादन
के
माध्यम
से
जोर
दे
रहे
हैं
ताकि
देश
को
रक्षा
उत्पादन
में
आत्मनिर्भर
बनाया
जा
सके।'
बता दें कि भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की ओर से संसद से दाखिल की गई रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना में गोला-बारूद की गंभीर कमी है। मानसून सत्र के दौरान दाखिल की गई CAG की रिपोर्ट के अनुसार एजी ने ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के प्रदर्शन में कमी पाया। रिपोर्ट के अनुसार साल 2013 में इसकी तुलना में इसके कारखानों के कामकाज में कोई सुधार नहीं हुआ।
रिपोर्ट में तोपखाने और टैंक के गोला-बारूद में दो महत्वपूर्ण कमी बताई गई और ओएफबी को 2013 में तय किए गए रोडमैप के अनुसार वितरित करने में विफल रहने का दोषी ठहराया गया है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'हमने गोला-बारूद की उपलब्धता (सितंबर 2016) में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं देखा है .. 55 प्रतिशत प्रकार के गोला-बारूद की उपलब्धता एमएआरएल से कम थी, यानी न्यूनतम अपरिहार्य आवश्यकता परिचालन तैयार करने के लिए रखी गई थी और 40 प्रतिशत प्रकार के गोला-बारूद गंभीर स्तर पर थे जो 10 दिन से कम के स्टॉक हैं।
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