मेट्रो से दिल्ली के इस्कॉन मंदिर पहुंचे मोदी, किया दुनिया की सबसे बड़ी भगवद गीता का विमोचन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली इस्कॉन मंदिर में दुनिया की सबसे वजनी भगवद्गीता का अनावरण किया। 12 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी इस पुस्तक का वजन 800 किलोग्राम है। इसे छापने में ढाई साल लगे और लागत डेढ़ करोड़ रुपए आई है। मोदी मेट्रो से इस्कॉन मंदिर पहुंचे थे। यहां उन्होंने लोगों से मुलाकात भी की। लोगों और बच्चों ने मोदी के साथ सेल्फी भी ली।
गौरतलब है कि महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का संकलन श्रीमद्भागवत गीता दुनिया का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला पवित्र ग्रंथ है। दुनिया को कर्म व पुरुषार्थ की प्रधानता बताने वाले इस ग्रंथ का सबसे बड़ा संस्करण अब ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर में देखने को मिलेगा।
भगवान श्रीकृष्ण के संदेशों को विश्वभर में प्रसारित करने के उद्देश्य से तैयार इस ग्रंथ का अनावरण मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। विश्व की इस सबसे बड़ी गीता को बनाने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसे इटली के इस्कॉन में बनाया गया है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कही ये बातें
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज सुबह ही मैंने गांधी शांति पुरस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लिया। आज मुझे दिव्यतम ग्रंथ गीता के भव्यतम रूप को राष्ट्र को समर्पित करने का मौका मिला है। ये अवसर मेरे लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि दो दशक पहले अटल जी ने इस मंदिर परिसर का शिलान्यास किया था। उन्होंने कहा कि मानवता के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए प्रभु की शक्ति हमारे साथ हमेशा रहती है। यही संदेश हम पूरी प्रमाणिकता के साथ दुष्ट आत्माओं, असुरों को देने का प्रयास कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि देश विदेश की अनेक भाषाओं में श्रीमद् भगवद्गीता का अनुवाद हो चुका है। लोकमान्य तिलक ने जेल में रहकर गीता के रहस्य को भी लिखा है। उन्होंने मराठी में गीता के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने गीता का गुजराती में भी अनुवाद किया था। अगर आप विद्यार्थी हैं और अनिर्णय की स्थिति में हैं, आप किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष हैं या फिर मोक्ष की कामना रखने वाले योगी आपको अपने हर प्रश्न का उत्तर गीता में मिल जाएगा।
गीता धर्मग्रंथ तो है पर ये जीवन ग्रंथ भी है। पीएम ने कहा कि हम किसी भी देश के हों, किसी भी पंथ के मानने वाले हों पर हर दिन समस्याएं घेरती हैं। हम जब भी वीर अर्जुन की तरह अनिर्णय के दोराहे पर खड़े होते हैं तो गीता हमें सेवा और समर्पण के रास्ते इन समस्याओं के हल दिखाती है। श्रीमद् भगवद्गीता भारत का दुनिया को सबसे प्रेरक उपहार है। गीता पूरे विश्व की धरोहर है। गीता हजारों साल से प्रासंगिक है