भारत की बात, सबके साथ: पढ़िए पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें
लंदन। तीन देशो की यात्रा पर पीएम मोदी बुधवार को ब्रिटेन पहुंचे। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में 'भारत की बात, सबके साथ' कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का संचालन प्रसून जोशी ने किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कार्यक्रम आए लोगों के सवालों के जवाब दिए।
सर्जिकल स्ट्राइक पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब
1- जिस पल संतोष का भाव पैदा हो जाता है तो ज़िंदगी कभी आगे नहीं बढ़ती। हर आयु, युग और अवस्था में कुछ न कुछ नया करने का मकसद गति देता है। अगर कोई कहता है कि बेसब्री बुरी चीज है तो वो बूढ़ा हो सकता है। आज सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में इच्छाएं हैं। हमें खुशी है कि हमने ऐसा माहौल बनाया कि लोग अपेक्षा करते हैं। बेसब्री देश के लोगों के दिल में प्रगति के बीज बोते हैं। मैं बेसब्री को बुरा नहीं मानता हूं। मैं मानता हूं जिस दिन मेरी बेसब्री खत्म हो जाएगी उस दिन मेरी मुश्किल बढ़ जाएगी।
2- सर्जिकल स्ट्राइक करते वक्त आपके भीतर कैसी भावनाएं चल रही थी? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक भारत का हजारों वर्षों का इतिहास है।।।भारत ने हजारों सालों के अपने इतिहास में कभी भी दूसरे की जमीन हड़पने की कोशिश नहीं की। पहले और दूसरे विश्वयुद्ध में हमें एक इंच भी जमीन नहीं लेनी थी लेकिन हमारे डेढ़ लाख सिपाहियों ने बलिदान दिया था। हमनें पाकिस्तान को खुद बताया। 12 बजे उनसे बात हुई। उसके बाद हमने मीडिया को स्ट्राइक के बारे में सभी को बताया। यह स्ट्राइक भारत के वीरों का पराक्रम था। सभी को पता होना चाहिए कि अब हिंदुस्तान बदल चुका है। मैं इस मंच का उपयोग राजनीतिक प्रतिद्वदियों की आलोचना के लिए नहीं करना चहता। ईश्वर सभी को सदबुद्धि दे।
कठुआ रेप पर पीएम मोदी दिया ये जवाब
3-सवा सौ करोड़ देशवासियों ने मुझे यहां क्यों बिठाया है? न मेरी जाति है न मेरा वंशवाद है। मेरे पास पूंजी एक ही है वह है कड़ी मेहनत, मेरे पास पूंजी है प्रमाणिकता, मेरे पास पूंजी है सवा सौ करोड़ देशवासियों का प्यार। मैं सभी को कहना चाहूंगा कि मैं भी आपके जैसा ही समान्य नागरिक हूं। मुझमें वो सारी कमियां है जो एक समान्य मानव में होती हैं। मैं गलतियां कर सकता हूं मगर इरादे से गलत कभी नहीं करूंगा। मैंने कभी लिखा था कि जो लोग मुझपर पत्थर फेंकते हैं मैं उनसे पथ बना लेता हूं।
4-बलात्कार के मामले पर बोलते हुए नरेंद्र मोदी ने कठुआ की पीड़िता का भी जिक्र किया और कहा कि इस पर आरोप प्रत्यारोप नहीं होना चाहिए। एक बेटी के साथ अत्याचार कैसे सहन कर सकते हैं। मैंने लालकिले से कहा था कि बेटियों से सवाल करने वाले बेटों से सवाल क्यों नहीं करते। बेटी के साथ जघन्य अपराध करने वाला भी किसी का बेटा ही है।
देशवासियों पर कोई पत्थर नहीं पड़ रहा है
5-मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि 23 साल तक कोई यूएई नहीं गया। कौन रोकता था आपको, आज विश्व के सभी देशों के साथ, मेरी आलोचना होती थी कि मोदी, चाय बेचने वाला विदेश नीति क्या समझेगा, लेकिन आज चार साल के बाद कोई ये सवाल नहीं उठा सकता है। इसका कारण ये नहीं है कि मोदी के पीछे सवा सौ करोड़ भारतीय हैं। मुझे विश्वास है कि मैं दुनिया को भारत का सत्य समझा सकता हूं।
6-नोटबंदी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा मेरा सामान्य नागरिक ईमानदारी के लिए जूझ रहा है। उसी का नतीजा है कि आज जो भी परिणाम है उसकी जरूरत मोदी है। किसी को गाली देना है, तो किसको देंगे। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि सारे पत्थर मुझे मारे जा रहे हैं। देशवासियों पर कोई पत्थर नहीं पड़ रहा है।
पीएम मोदी ने बताया अपनी सेहत का राज
7- मोदीकेयर के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि तीन बातों पर मेरा जोर रहा है। मैं बड़ी बातें नहीं करता हूं। बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्ग को दवाई। ये चीजें हैं जो स्वस्थ समाज के लिए होनी चाहिए। अच्छे खासे परिवार में भी अगर एक बीमारी आ जाए तो सभी योजनाएं, बेटी की शादी की तैयारी धरी की धरी रह जाती है। ऑटो रिक्शा चलाने वाला बीमार हो जाए तो पूरा परिवार बीमार हो जाता है।
8-ऊर्जावान बने रहने के राज के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि मैं पिछले दो दशक से रोज एक किलो- दो किलो गालियां खाता हूं। एक पुरानी घटना है। कोई तीर्थस्थान था। पर्वत था, तराई में संत बैठते थे। एक आठ साल की बच्ची अपने तीन साल के भाई को लेकर चढ़ रही थी। संत ने पूछा कि तुम्हें थकान नहीं लग रही है क्या तो उसने कहा कि यह तो मेरा भाई है।
अगर कोई आलोचना करता है, तो मैं इसे सौभाग्य मानता हूं
9-इतिहास में अपनी जगह बनाने के लिए मोदी पैदा नहीं हुआ है। मुझे सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह ही याद रखा जाए। अन्य लोगों की तरह मुझे भी काम मिला है। मकसद है तो मेरा देश अजर अमर है। दुनिया याद करे तो मेरे देश को याद रखें। मेरा देश ही दुनिया को विश्व कल्याण का रास्ता दिखा सकता है।
10-विपक्ष के सत्ता हासिल करने के सवाल पर मोदी ने कहा कि आलोचना लोकतंत्र की खूबसूरती है। मैं मानता हूं कि मोदी सरकार की भरपूर आलोचना होनी चाहिए। आलोचना से ही लोकतंत्र पनपता है। और सरकारों को भी सतर्क रखती है। इसलिए अगर कोई आलोचना करता है, तो मैं इसे सौभाग्य मानता हूं।