प्रदूषण नियंत्रण पर गठित नए आयोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश- 'सुनिश्चित करें कि दिल्ली में स्मॉग ना हो'
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रदूषण से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई को दिवाली की छुट्टियों तक टाल दिया है। कोर्ट का कहना है कि अब प्रदूषण से संबंधित याचिकाओं पर दिवाली के बाद ही सुनवाई की जाएगी। आपको बता दें दिवाली के समय हर साल प्रदूषण काफी बढ़ जाता है, जिससे हवा में सांस लेना भी लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण ये खतरा पहले से भी ज्यादा बढ़ गया है।
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मामले में सुनवाई के समय प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि शहरों में प्रदूषण को नियंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी है। इसका किसी आयोग से कोई सरोकार नहीं है। इससे पहले कोर्ट को सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि प्रदूषण के मामले में एक आयोग का गठन किया गया है। जो 6 नवंबर से काम शुरू कर देगा।
जिसपर प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा कि सरकार ही सुनिश्चित करे की दिल्ली एनसीआर में कोई स्मॉग ना करे। किसी आयोग से कोर्ट को कोई सरोकार नहीं है। पहले से प्रदूषण के निपटारे के लिए कई आयोग बने हुए हैं। ऐसे में सरकार को ही ये सुनिश्चित करना होगा कि शहरों में प्रदूषण की समस्या नियंत्रण में रहे। अब कोर्ट छुट्टियों के बाद इन दलीलों पर सुनवाई करेगा।
प्रदूषण के मामले में आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने एक आयोग की स्थापना की है जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एम.एम.कुट्टी करेंगे। यह आयोग सभी राज्यों को साथ लेकर, दिल्ली-एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में होने वाले प्रदूषण को समाप्त करने हेतु कार्य करेगा।
दरअसल पड़ोसी राज्यों में पराली जलने के कारण पहले से ही दिल्ली एनसीआर की हवा दमघोंटु बनी हुई है। वहीं दिवाली से पहले दिल्ली सरकार ने सभी पटाखों पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। दिल्ली के अलावा अन्य कई राज्यों में भी पटाखों को लेकर यही फैसला लिया गया है। दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, प्रदूषण और कोरोना से बचाव के लिए नवंबर माह में मास्क जरूर लगाएं। हर बार दीवाली वाले दिन पटाखों के अधिकतम उपयोग से सांस लेने में समस्याएं हो जाती थीं।
दिल्ली-NCR
में
प्रदूषण
का
तांडव
जारी,
AQI
पहुंचा
430,
सांस
लेना
हुआ
मुश्किल