Ghazipur: लाल गमछा दिखाता रहा ग्रामीण और टूटी पटरी से गुजर गई पंजाब मेल, बड़ा हादसा टला
Ghazipur जिले में रविवार को टूटी हुई रेल पटरी से पंजाब मेल गुजर गई। संयोग अच्छा था कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। टूटी हुई पड़ी देखकर मौके पर मौजूद विजय यादव नामक ग्रामीण लाल गमछा दिखा कर ट्रेन को रोकने का इशारा किया लेकिन ट्रेन नहीं रुकी। बाद में उसने 112 नंबर डालकर पुलिस को सूचना दिया। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर सूचित किया उसके बाद रेलवे कर्मी मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे तक कड़ी मशक्कत करने के बाद टूटी हुई पटरी को ठीक किए, उसके बाद ट्रेनों का आवागमन प्रारंभ हुआ।

दरौली और जमनिया स्टेशन के बीच में टूटी पटरी
बताया जा रहा है कि दरौली और जमनिया रेलवे स्टेशन के बीच में हरबल्लमपुर गांव के समीप रविवार की सुबह में अप रेलवे लाइन की पटरी दो भागों में टूट गई थी। सुबह करीब साढ़े 6 बजे हरबल्लमपुर गांव के रहने वाले विजय यादव खेत की तरफ जा रहे थे, तभी उनकी नजर टूटी हुई रेल पटरी पर गई। उसी समय 13005 अप हावड़ा अमृतसर पंजाब मेल तेजी से आ रही थी। तेजी से आ रही ट्रेन को देखकर विजय यादव ने लाल रंग का गमछा लहरा कर ट्रेन रोकने का इशारा किया, लेकिन तेज रफ्तार की ट्रेन टूटी हुई पटरी से ही गुजर गई।

विजय ने तत्काल डायल किया 112 नंबर
ट्रेन गुजर जाने के बाद विजय यादव ने खतरे को भांपते हुए तत्काल 112 नंबर डायल कर पुलिस को इसके बारे में सूचना दिया। सूचना मिलने के बाद पुलिस द्वारा रेलवे स्टेशन पर इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलने के बाद रेलवे कर्मचारी मौके पर पहुंचे। रेलवे कर्मचारियों ने लाल रंग का कपड़ा लगाकर आ रही हावड़ा बीकानेर एक्सप्रेस को रुकवाया। उसके बाद टूटी हुई पटरी को ठीक करने के लिए जुट गए और अधिकारियों को सूचना दिए। करीब एक घंटे तक कड़ी मशक्कत करने के बाद टूटी हुई पटरी को ठीक किया गया। उसके बाद 30 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाने का मेमो दिया गया।
कई ट्रेनों को एक घंटे तक रोकना पड़ा
रेल पटरी टूट जाने के चलते बक्सर वाराणसी पैसेंजर, सीमांचल एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस, नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस, कामाख्या आनंद विहार एक्सप्रेस आदि गाड़ियों को अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर करीब एक घंटे तक रोका गया। इस बारे में रेलवे के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि हरबल्लमपुर गांव में रेल पटरी टूट गई थी। ग्रामीण द्वारा सूचना मिलने के बाद रेलवे कर्मचारी वहां पहुंचे और टूटी हुई पटरी को ठीक किए। पटरी ठीक हो जाने के बाद ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो गया है।