यहां की लड़कियों से शादी करने पर मिलते हैं हर महीने 3 लाख, जानिए सच्चाई
अगर कोई विदेशी युवक आइसलैंड की लड़कियों से शादी करेगा तो शादी करने वाले जोड़े को जिंदगी बिताने के लिए हर महीने 3 लाख 33 हजार रुपए दिए जाएंगे।
नई दिल्ली। सोसल मीडिया पर एक मैसेज खूब वायरल हो रहा है। मैसेज के मुताबिक लड़कियों से शादी करने पर हर महीने 3 लाख 33 हजार रुपए ईनाम के तौर पर दिए जाने की बात कही जा रही है। वायरल मैसेज में कहा जा रहा है कि अगर कोई विदेशी युवक आइसलैंड की लड़कियों से शादी करेगा तो शादी करने वाले जोड़े को जिंदगी बिताने के लिए हर महीने 3 लाख 33 हजार रुपए दिए जाएंगे। आइए आपको इस वायरल मैसेज की सच्चाई के बारे में बताते हैं।
क्या है वायरल मैसेज
वायरल मैसेज के मुताबिक आइसलैंड सरकार यहां की लड़कियों से शादी करने पर दूसरे देश के लड़कों को हर महीने 3 लाख 33 हजार रुपए (5 हजार डॉलर) देगी। इसके पीछे की वजह बताई जा रही है कि इस देश में मर्दों की संख्या कम हो गई है।
कैसे वायरल हुआ मैसेज
इस मैसेज को सबसे पहले 2016 में स्पिरिट विस्पर्स नाम की वेबसाइट ने छापी। वेबसाइट ने अपनी आर्टिकल में दावा किया गया था कि इस स्कीम में उत्तरी अफ्रीका के लोगों को तरज़ीह दी जाएगी। जिसके बाद कई अफ्रीकी वेबसाइट्स ने भी इस अनोखे ऑपर की खबरें चलाई। जिस के बाद फर्जी खबरों और फोटोज की जांच करने वाली एक वेबसाइट snopes.com ने इस खबर को फेक करार दिया है।
लड़कों को जीवनसाथी चुनने की आजादी
ऐसा बताया गया कि इस ऑफर के तहत लड़कों को अपनी मनपंसद लड़की को चुनकर शादी करनी होगी और उसी देश में बसना होगा। इसके लिए सरकार उस जोड़े को प्रति माह 3 लाख 33 हजार रुपए देगी। लेकिन इस फर्जी खबर का खुलासा भी हो गया।
आइसलैंड की लड़कियों की बढ़ी परेशानी
इस फेक खबर के चलते आइसलैंड की लड़कियों की परेशानी बढ़ गई। दूसरे देश के अनजान लोग उन लड़कियों को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना शुरू कर दिया था। लोग उन्हें शादी का ऑफर लेने लगे। लोग इस खबर को लेकर पूछताछ करने लगे। आपको बता दें दुनिया में आइसलैंड की गिनती बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेज में होती है। यहां की लड़कियां भी काफी खूबसूरत होती हैं।
दूतावास ने दी सफाई
इस फेक खबर को लेकर लोगों ने दूतावास में पूछताछ शुरू कर दी, जिसके बाद डेनमार्क का दूतावास जो आइसलैंड से जुड़े मामले भी देखता है, उसने अपने फेसबुक पेज पर इस फेक खबर को लेकर सफाई दी। उन्होंने दूतावास के फेसबुक पेज पर अपील की कि आइसलैंड की सरकार ने ऐसा कोई ऑफर नहीं निकाला है।